एसडीम के रोक के बाद भी नहीं रुका काम, गुणवत्ता विहीन ईंटो से गौशालाओ का करा दिया गया निर्माण कार्य
मझौली।
मामला जनपद पंचायत मझौली का है जहां जिम्मेदार अधिकारियों पर संविदाकार भारी पड़ रहे हैं आखिर इन्हें किसका संरक्षण प्राप्त हो रहा है? जिसका ताजा मामला जनपद पंचायत मझौली के खजुरिहा ग्राम पंचायत का सामने आया है। जहां लोक निर्माण विभाग के द्वारा ठेकेदार के माध्यम से कराए जा रहे डेढ़ करोड़ लागत से 4 नग गौशाला का निर्माण कराया जा रहा है। जिस का निरीक्षण करने पहुंचे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मझौली आनंद सिंह राजावत घटिया ईटों से निर्माण कार्य कराए जा ईंटों को तोड़फोड़ कर भ्रष्टाचार दिखाते हुए दीवाल तोड़ने एवं कार्य पर रोक लगाते हुए नायब तहसीलदार रोहित सिंह को प्रतिवेदन देने को कहा गया था। प्रतिवेदन दिया गया या नहीं इसे तो कोई बताने वाला कोई नही क्योंकि जिम्मेदारों द्वारा मीडिया का फोन है रिसीव नहीं किया जा रहा। पर यह देखने को जरूर मिला कि जिस काम पर रोक लगाते हुए एसडीएम द्वारा दीवाल तोड़ने का निर्देश दिया गया था वह कार्य धड़ल्ले से वही घटिया किस्म के ईंटों से ठेकेदार द्वारा बाहर से मजदूर लाकर पूर्ण करा लिया गया है। संविदा कार व उनके गुर्गों से भयभीत बिना नाम बताएं एवं उजागर न किए जाने का आग्रह करते हुए लोगों द्वारा बताया गया कि दीवाल व ईटा तो नहीं हटाया गया हां काम का विरोध कर रहे गरीब मजदूरों को जरूर हटा दिया गया है। तथा धमकी भी दिया गया है कि यदि कहीं शिकायत करोगे तो ठीक नहीं होगा ।अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों पर संविदा कार क्यों भारी पड़ रहे हैं या की केवल अधिकारियों की जांच कार्यवाही भ्रष्टाचार की जांच में शामिल होने तक सीमित रह जाती है अब देखना होगा कि खबर प्रकाशन के बाद क्या जिम्मेदार मीडिया को इसकी वजह बताने का हिम्मत जुटा पाएंगे या मुख दर्शक बनकर अपने अपनी हिस्सेदारी कायम रखेंगे।
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