सीधी:नहीं हिले बसों के पहिए: आटो चालको में भी बंद का दिखा असर
बसों का किराया बढ़ाने को लेकर उठी मांग
सीधी।
डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कल शुक्रवार को प्रदेश व्यापी बंद का असर सीधी में भी खासा देखने को मिला। सुबह से पूरे दिन बसों के पहिए नहीं हिले, वहीं आटो चालको में भी विरोध का असर देखने को मिला। डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर बस संचालकों की मांग है कि यात्री किराया बढ़ाया जाय। हालांकि 25 फीसदी यात्री किराया बढ़ाने का निर्णय प्रदेश के परिवहन मंत्री द्वारा लिया गया है इसके मद्देनजर दो दिवसीय आंदोलन के वजाय एक दिन बसों के बंद करने का निर्णय संघ द्वारा लिया गया।
बस एसोसिएशन संघ भोपाल के निर्देश पर एक दिवसीय बसोंं के बंद करने का असर जिले में भी देखने को मिला। इस दौरान एक भी बसें अपने गन्तव्य में नहीं गईं जिसकी वजह से जनता को काफी परेशानी भी उठानी पड़ी। बस एसोसिएशन की मांग है कि डीजल की कीमत 90 रूपये लीटर हो गयी है, ऐसी स्थिति में यात्री किराया बढ़ाया जाय। हालांकि परिवहन मंत्री द्वारा एक दिन पहले ही एक मार्च से 25 फीसदी यात्री किराया में बढ़ोत्तरी का आदेश दे दिए हैं फिर भी आनर्स के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर दो दिन के वजाय 26 फरवरी को बंद करने का आदेश पूरी रूप से सफल देखा गया।
♦️ आटो चालको ने भी बंद का किया समर्थन
जिले भर के आटो चालकों ने भी कल बंद का समर्थन करते हुए डीजल का रेट कम करने की मांग करते रहे। इस दौरान आटो के पहिए भी दिनभर थमे रहे। यहां तक की मात्र एक आटो के माध्यम से एलाउंस करते हुए मांग की जा रही थी कि डीजल का रेट इतना महंगा हो गया है कि हम लोगों को परिवार का घर चलाना मुश्किल हो रहा है। इस स्थिति में सरकार को डीजल का रेट घटाने की भी मांग आटो संचालकों द्वारा की गई।
♦️ संघ के पदाधिकारियों ने अचानक लिया निर्णय
बस आनर्स संघ के जिलाध्यक्ष ने दो दिन पहले मीडिया को ये बयान दिया था कि सीधी जिले में बसों के पहिए नहीं थमेंंगे लेकिन जब खबर प्रकाशित हुई तो प्रदेश स्तर से उन्हे सचेत किया गया होगा जिस वजह से आनन-फानन दूसरे दिन गुरूवार को बसों के संचालन के लिए बंद का आदेश दिया गया।
ताज्जुब ये रहा कि जिले के पदाधिकारी जब खुद इस मामले में अलग-अलग बयान दे रहे हैं ऐसे में जब ऊपर से चाबुक लगती है तब उनकी नींद खुलती है।
♦️ बंद के कारण लोगों को उठानी पड़ी परेशानी
बसों एवं आटो के बंद को लेकर कल लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। यहां तक की कालेजो में सेमेस्टर की परीक्षाएं भी आयोजित हैं। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रो में बस से सफर कर आने वाले कई छात्र-छात्राएं परीक्षा से भी वंचित हो गए हैं। वहीं जिले में आटो के बंद होने को लेकर लोगों को पैदल यात्रा करनी पड़ी। हालांकि बसों एवं आटो का संचालक पहले की तरह शनिवार से फिर शुरू हो जाएगा।
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