आज जल-संरक्षण नहीं हुआ, तो अगला विश्व-युद्ध पानी के लिये होगा
भोपाल।
पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि केवल विश्व वेटलैण्ड दिवस पर ही नहीं, जल-संरचनाओं और जलग्रहण क्षेत्र के संरक्षण के प्रयास निरंतर जारी रखें। उन्होंने तेजी से घटते भू-जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि आज जल-संरक्षण के प्रति नहीं चेते, तो अगला विश्व-युद्ध पानी को लेकर होगा। उन्होंने कहा कि देश के लिये प्राणों का बलिदान ही केवल देशभक्ति नहीं है। भारत-माता के वन, जल, थल, पर्यावरण आदि की रक्षा भी देशभक्ति है, इसे प्रत्येक व्यक्ति निभाए। अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्री मनोज श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव पर्यावरण श्री मलय श्रीवास्तव और कार्यपालन संचालक एप्को श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल और राज्य वेटलैण्ड अथॉरिटी प्राधिकरण के सदस्य श्री अभिलाष खाण्डेकर भी उपस्थित थे।
मंत्री श्री डंग ने कहा कि प्रदेश के तालाबों के पास यदि कोई भी निर्माण कार्य करवाता है, तो बिना किसी दबाव में आये अधिकारी उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि इंदौर-भोपाल की तरह गाँवों को भी स्वच्छ बनायें। गाँवों में हैण्ड-पम्प के पास जल-निकासी की उचित व्यवस्था करें, ताकि गंदगी से बीमारियाँ न फैलें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 23 हजार पंचायतों में अधिकतर जगह तालाब हैं, जिनका बेहतर रख-रखाव करें।
अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि आज मनरेगा दिवस भी है। मनरेगा की 71 प्रतिशत राशि प्राकृतिक संसाधनों के रख-रखाव पर ही व्यय की गयी है। उन्होंने कहा कि भोपाल तालाब भोजपुर से शुरू होता था, जो आज काफी सिकुड़ चुका है। उन्होंने कहा कि इसी तरह प्रदेश के दूसरे तालाबों के प्राचीनतम रिकार्ड निकालें और आज की आकृति को मिलाते हुए समाधान करें। अपर मुख्य सचिव श्री मलय श्रीवास्तव ने कहा कि वेटलैण्ड पानी को छन्नी की तरह छानने का काम करते हैं। साथ ही बाढ़ के समय वेटलैण्ड पानी की अतिरेकता को भी नियंत्रित करते हैं। श्री अभिलाष खाण्डेकर ने कहा कि पानी किसी फैक्ट्री में नहीं बन सकता। इसे भावी पीढ़ी के लिये सहेज कर रखने की अति आवश्यकता है। मंत्री श्री डंग ने इस अवसर पर तालाबों के हेल्थ-कार्ड भी जारी किये।
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