बस दुर्घटना के लिए शासन प्रशासन सहित जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार- प्रदीप सिंह दीपू

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बस दुर्घटना के लिए शासन प्रशासन सहित जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार- प्रदीप सिंह दीपू



बस दुर्घटना के लिए शासन प्रशासन सहित जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार- प्रदीप सिंह दीपू


 निलंबन कोई दंड नहीं जिम्मेदारों पर दर्ज हो गैर इरादतन हत्या का अपराध- प्रदीप सिंह दीपू


 सीधी।
रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र अंतर्गत बाणसागर नहर में हुई हृदय विदारक बस दुर्घटना में जान गवाने वाले सभी साथियों को कांग्रेस पार्टी ने विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए मानवता को झकझोर देने वाली इस दुर्घटना के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार एवं प्रशासन के साथ ही उन तमाम सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराया है जो प्रशासन को पंगु बना कर अपने महिमामंडन एवं झूठी शान शौकत में अधिकारियों को अपने पीछे पीछे चलने को मजबूर किए रहते हैं। जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता प्रदीप सिंह दीपू ने जारी बयान में कहा कि जब से लोकतंत्र की हत्या करके प्रदेश में भाजपा की अनैतिक सरकार बनी है तब से नौकरशाही अपना मूल कर्तव्य भूल कर सत्ताधारी दल के नेताओं के आगे पीछे घूमते हुए उनकी खुशामद करने में लगी रहती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 3 दिनों से छुहिया घाटी में जाम लगा था, लेकिन शासन प्रशासन के साथ ही निकम्मे जनप्रतिनिधि भी उस जाम को खुलवाने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाए। यदि सड़क का जाम समय रहते खुल गया होता 51 लोगों  को जिंदगी से हाथ नहीं धोना पड़ता और 51 परिवार को भी तबाही एवं बर्बादी से बचाया जा सकता था। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पता नहीं विंध्य क्षेत्र के लोगों से इतनी नफरत क्यों करते हैं यहां के लोगों से किस जन्म का बदला ले रहे हैं कि 51 लोग काल के गाल में समा गए और  मुख्यमंत्री इस घटना के दोषी लोगों पर केवल निलंबन की खानापूर्ति करके  परिजनों को 7 लाख रुपए की मामूली राहत राशि देकर अपने राजनैतिक घड़ियाली आंसू बहा कर रफूचक्कर हो गए । कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री जी विंध्य क्षेत्र के लोगों की जान की कीमत जो आपने 7 लाख रुपए निर्धारित की है यह विंध्य क्षेत्र की जनता का अपमान है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री जी को  भली-भांति  यह जानकारी प्राप्त हो चुकी है कि बस हादसे की असली वजह भ्रष्ट तंत्र निरंकुश एवं लापरवाह नौकरशाही है। घोर प्रशासनिक लापरवाही की वजह से 51 लोग काल के गाल में समा गए तो फिर जिम्मेदार लोगों के ऊपर गैर इरादतन हत्या का अपराध क्यों नहीं दर्ज हो रहा है। छोटे कर्मचारियों को निलंबन की औपचारिकता पूरी कर आखिर शिवराज सिंह जी किन मगरमच्छों को बचा रहे हैं । कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जब हमारे  देश के रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री थे उनके कार्यकाल में एक रेल का एक्सीडेंट हो गया था तो उन्होंने अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। क्या आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार की नैतिकता पूरी तरह से मर चुकी है । क्या इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी परिवहन मंत्री की नहीं बनती। क्या परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देंगे या सत्ता के सौदा में नैतिकता भी  बैंगलोर के रिसोर्ट में नीलाम कर आए हैं।

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