बस हादसा:परिजनों ने चीख चीखकर कहा: जाम के कारण गई जानें
छुहिया घाटी में आए दिन लगने वाले जाम से लोग परेशान
आर.बी. सिंह राज। सीधी
बीते मंगलवार को बाणसागर नहर में बस दुर्घटना में मृतकों के परिजनों के घर कल बुधवार को शोक संवेदना प्रकट करने पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बिलख-बिलख, चिल्ला-चिल्ला कर मृतकों के परिजन बस यही कह रहे थे कि यदि छुहिया घाटी में जाम न लगा होता तो यह दुर्घटना नहीं होती। बस दुर्घटना का प्रमुख कारण छुहिया घाटी में लगे जाम को ही माना जा रहा है। मृतकों के परिजनों का कहना है कि यदि छुहिया घाटी में जाम नहीं लगा होता तो सीधी से सतना जा रही बस सरदा गांव होकर न जाकर सीधे छुहिया घाटी होकर जाती तो शायद यह घटना घटित न होती। आमजनों के द्वारा भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को छुहिया घाटी में लगनें वाले जाम के बारे में विस्तार से बताया और उसके स्थाई हल निकालनें की बात कही।
सीधी से सतना जा रही जवलानाथ बस के नहर में गिरने का मुख्य कारण छुहिया घाटी में लगा लंबा जाम था। दरअसल उक्त बस रोजाना छुहिया घाटी के रास्ते ही यात्रियों को लेकर सतना जाती थी। मंगलवार की सुबह 7:15 बजे के आसपास जब वह छुहिया घाटी जा रही थी तो वहां लंबा जाम लगा हुआ था। बस में काफी संख्या में परीक्षार्थी सवार थे। जिनको सतना स्थित परीक्षा केंद्रों में समय पर पहुंचना था। परीक्षार्थियों को समय पर पहुंचाने के लिए ही ड्राईवर ने बस को बाणसागर परियोजना की नहर के रास्ते अपना आगे का सफर तय करना शुरू किया। सरदा पटना पहुंचते ही सुबह तकरीबन 8:30 बजे अनियंत्रित बस नहर में समा गई और आधा सैकड़ा से ज्यादा यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ीं। ये हादसा सामने आने के बाद से ही लोग हादसे की मुख्य वजह छुहिया घाटी में लगने वाले लंबे जाम को मान रहे हैं।
5 दिन से लगा था जाम:-
दरअसल दुर्घटना से पूर्व 11 फरवरी से 5 दिनों से छुहिया घाटी में भारी जाम की स्थिति निर्मित थी। छुहिया घाटी में माल वाहकों के जर्जर एवं गड़्ढे से पटी सडक़ में विगडऩें का सिलसिला भी चलता रहता है। एक भारी वाहन के बिगड़ जाने से यहां बडा जाम लगना शुरू हो जाता है। आधा सैकड़ा से ऊपर यात्रियों की मौत के बाद पूरा प्रदेश प्रशासन हिल चुका है। लोगों की मांग है कि छुहिया घाटी में लगने वाले लंबे जाम की समस्या का स्थाई निदान कराया जाए। साथ ही छुहिया घाटी की जर्जर सडक़ का जल्द सुधार कराया जाए। सीधी शहड़ोल की ओर से आने जाने वाले वाहनों को छुहिया घाटी में लगने वाले जाम से काफी फजीहत उठानी पड़ती है। कई-कई दिन लोग घाटी पर ही भूंखे-प्यासे अपनें परिवार के साथ फंसे रहते हैं। आए दिन लगनें वाले जाम से लोग हलाकान हैं।
पिपरांव पुलिस चौकी पर सीधा सवाल:-
उल्लेखनीय है कि छुहिया घाटी के ठीक नीचे पुलिस की पिपरांव चौकी स्थित है, इस चौकी का आलम कुछ यूं है कि इसका प्रभारी बनने के लिए जिले में पदस्थ थानेदार अपने हाई पॉलिटिकल जैक का इस्तेमाल करके अपनी पदस्थापना करवाते हैं। क्योंकि ठीक इसी स्थान पर रीवा से अमरकंटक और सीधी तरफ जाने वाले रास्ते का जंक्शन पड़ता है और दोनों दिशाओं के वाहन यहां से गुजरते हैं। इस महत्वपूर्ण जंक्शन होने के कारण यहां के चौकी प्रभारी अक्सर इस चौकी को इंट्री वसूली की मोटी मलाई का दोनों हाथों से स्वाद चखते रहते हैं। पुलिस विभाग में इस चौकी को कमाई के हिसाब से पहली रैंकिंग हासिल है।
साथ ही विशेष उल्लेखनीय है कि छुहिया घाटी की पूरी चढ़ाई और ढलान का 90% हिस्सा इसी पिपरांव चौकी के अधिकार क्षेत्र में आता है जिसकी सीमा रेखा छुहिया घाटी के शीर्ष पर बने तलाब तक है जिसके बाद गोविंदगढ़ थाने की सीमा प्रारंभ हो जाती है।
इस बातों के मद्देनजर जब भी यहां बार-बार जाम लग रहा है तो इस चौकी के प्रभारी और उसके स्टाफ का यह विशेष जिम्मेवारी भरा दायित्व बनता है कि वो अपने राजनीतिक पहुंच के दम पर कार्य के प्रति लापरवाही ना भरते हुए घाटी के यातायात को सुचारू रूप से व्यवस्थित करते रहें। यदि पुलिस चौकी स्टाफ द्वारा अपने ड्यूटी को जिम्मेवारी के साथ निभाया गया होता तो 5 दिनों से लगातार लगने वाला यह जाम निर्मित ही नहीं हो पाता और इस घटना का कारण भी नहीं बनता।
मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन:;
छुहिया घाटी में लगने वाले लंबे जाम से त्रस्त क्षेत्रीय ग्रामीणों ने आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आगमन के दौरान ज्ञापन सौंपकर स्थाई समाधान करानें की मांग की। ग्रामीणों ने ज्ञापन में कहा है कि अभी 5 दिन से छुहिया घाटी में लंबा जाम लगा हुआ था। जिसके कारण यह हादसा हुआ। विगत 22 दिवस पहले कलेक्टर के माध्यम से भी आपको ज्ञापन भेंजा गया था। साथ ही जिला प्रशासन को भी आगाह किया गया था कि सीधी-सतना मार्ग स्थित छुहिया घाटी के जर्जर सडक़ की मरम्मत एवं जाम न लगे इसके पुख्ता इंतजाम कराए जाएं। ज्ञापन में कहा गया है कि मृतक परिवार एवं मृत आत्माओं के प्रति सच्ची संवेदना तभी होगी जब छुहिया घाटी सडक़ की सही मरम्मत हो जाए एवं हाईवे चेक पोस्ट बघवार में बनाया जाए।
जाम से हुई मेरे भाई की मौत:-
बाणसागर नहर में बस गिरने के हादसे में अपने 20 वर्षीय छोटे भाई दीपेश प्रजापति को खोने के बाद बहन विभा प्रजापति का करुण विलाप जन प्रतिनिधियों के समक्ष लगातार चल रहा है। मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सांसद, विधायक एवं अधिकारियों से भी विभा रोते बिलखते यही फरियाद कर रही है कि छुहिया घाटी के जाम के कारण ही उसके भाई की मौत हुई है। यदि घटना के दिन छुहिया घाटी में लंबा जाम न लगा होता तो बस नहर के रास्ते नहीं जाती और उसका भाई आज जिंदा होता।
जाम ने ली बहू और नाती की बली:-
रामपुर नैकिन निवासी सुरेश गुप्ता के घर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनकी बहू और पोते के बस दुर्घटना में निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करनें पहुंचे। इस दौरान सुरेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री से फरियाद किया कि छुहिया घाटी में लगातार जाम की स्थिति कई दिनों से बनी हुई थी। जिसके चलते दुर्घटना ग्रस्त बस अपने निर्धारित मार्ग से न जाकर बाणसागर नहर के रास्ते जा रही थी। छुहिया घाटी में लगने वाले जाम के कारण ही उन्होने अपनी बहू व नाती को खो दिया है। इस फरियाद को मुख्यमंत्री ने भी काफी गंभीरता के साथ लिया। उक्त दुर्घटना में मौत के गाल में समाई विमला द्विवेदी के घर शोक संवेदना करनें पहुंचे मुख्यमंत्री से वहां भी छुहिया घाटी में लगने वाले जाम को बस दुर्घटना का कारण बताया गया। छुहिया घाटी में लगने वाले जाम से रामपुर नैकिन क्षेत्र का हर व्यक्ति परेशान है।
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