सीधी:कार्यालय से नदारद रहते हैं अधिकारी एवं कर्मचारी, परेशान हो रहे हितग्राही
(रवि शुक्ला)मझौली।
उपखंड मझौली के अधिकांश विभागीय अधिकारी जिला मुख्यालय में अपना डेरा जमा कर छोटे कर्मचारियों के हवाले विभाग की जिम्मेदारी छोड़ रखे हैं जो कार्यालय तो खोल देते हैं, पर वहां से नदारद रहते हैं। जिससे हितग्राहियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिस का ताजा मामला कृषि विभाग में देखने को मिला जहां लोगों के शिकायत पर मीडिया के टीम जाकर कार्यालय का जायजा लिया। जहां पर कार्यालय तो खुला मिला परंतु कोई भी जिम्मेदार कर्मचारी अधिकारी कार्यालय में मौजूद नहीं थे। लोगों का कहना है कि पंप का विद्युत कनेक्शन लेने हेतु जल क्षमता प्रमाणपत्र की आवश्यकता है हम लोग जब जब कार्यालय आते हैं कार्यालय तो खुला मिलता है परंतु कोई भी अधिकारी कर्मचारी कार्यालय में नहीं रहते जिससे हम लोगों को कई दिनों तक कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं । बता दें की वैसे तो उपखंड के लगभग सभी अधिकारी कर्मचारी शासन के आदेश निर्देश को दरकिनार करते हुए मनमौजी तरीके से कार्यालय पहुंचते हैं ,जहां पहुंचने के बाद भी कार्यालय खोलकर इधर -उधर घूमते रहते हैं जिससे कई किलोमीटर की दूरी तय कर आने वाले हितग्राहियों को बैरंग लौटना पड़ रहा है। परंतु सबसे ज्यादा अनियमितता कृषि विभाग कार्यालय में व्याप्त है, जब से कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर लाल प्रताप सिंह तैनात किए गए हैं तो कार्यालय की व्यवस्था चौपट हो रही है एक और जहां आदिवासियों को प्रदान किए जाने वाले बीज का भारी पैमाने पर कालाबाजारी की जा रही है। वही शासकीय योजनाओं की जानकारी ना होने के कारण पात्र होते हुए भी बहुत सारे किसान वंचित रह जाते हैं वर्तमान में विद्युत विभाग के सक्रियता के कारण लोगों को पंप हेतु विद्युत कनेक्शन के लिए जल क्षमता प्रमाणपत्र की आवश्यकता पड़ती है जिसके लिए लोग लगभग 50 किलोमीटर की दूरी तय कर कार्यालय पहुंचते हैं किंतु कृषि विस्तार अधिकारी के अनुपस्थित के कारण कई दिनों तक बैरंग लौटना पड़ता है। अधिकारियों के अनुपस्थित के समय कार्यालय में उपस्थित सहायक ग्रेड 3 के कर्मचारी शिव प्रताप सिंह से पूछा गया तो वे खुद नहीं जान पाए की समय कितना है और झट से बोल दिए कि 10:30 तक आते हैं जबकि उस समय 12:30 हो रहे थे मीडिया के द्वारा जब पूछा गया कि इस समय क्या टाइम है तो उन्होंने घड़ी की ओर देख भौचक्के रह गए बोले 12:15 हैं। अधिकारियों के इस कृत्य के बाद भी प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही ना किए जाने से संभावना व्यक्त की जा रही है कि यह अधिकारी जिले में बैठकर वरिष्ठ अधिकारियों की तफरा दारी में लगे हुए है,जिससे खंड प्रशासन इनके खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है । अब देखना होगा कि ऐसे लापरवाह कर्मचारियों पर जिला प्रशासन क्या कुछ एक्शन लेता है ।
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