मुख्यमंत्री की नींद हराम करने वाला उपयंत्री निलंबित,अव्यवस्थाओं के कारण रात भर सो नहीं सके थे मुख्यमंत्री
सीधी।
सीधी प्रवास के दौरान उच्च विश्राम गृह में रुके थे मुख्यमंत्री
सीधी।
सीधी में हुई बस दुर्घटना में आधा सैकड़ा लोगों की मृत्यु पर घटना के दूसरे दिन मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह विलंब हो जाने के कारण हेलीकॉप्टर से वापस भोपाल रवाना नहीं हो सके थे और उन्हें रात्रि विश्राम सीधी के उच्च विश्राम गृह के कक्ष क्रमांक-1 में करना पड़ा था।
रात्रि विश्राम के दौरान विश्राम कक्ष में मच्छरों ने मुख्यमंत्री की नींद हराम कर दी, इस मामले में मुख्यमंत्री ने जब वहां उपस्थित स्टाफ से इसकी शिकायत की तो मच्छर मारने की व्यवस्था का इंतजाम किया गया।
नींद में खलल के उपरांत मुख्यमंत्री को जब मच्छरों से राहत मिली तो उच्च विश्राम गृह में रखी पानी की टंकी से पानी नीचे गिर रहा था। टप-टप की आवाज से फिर मुख्यमंत्री की नींद में खलल उत्पन्न होने से उन्होंने फिर बिस्तर से उठ कर वहां उपस्थित स्टाफ को पानी की टंकी से गिरने वाले पानी को रोकने के लिए कहा।
रात भर लगातार बार-बार मुख्यमंत्री की नींद अव्यवस्थाओं के कारण खराब होने से वो अपनी दिनभर की व्यस्ततम दिनचर्या के उपरांत भारी थकान के बावजूद भी कुछ घंटे चैन की नींद सीधी की धरती पर सो नहीं सके।
उच्च विश्राम गृह सीधी में व्याप्त अव्यवस्थाओं के चलते मुख्यमंत्री के रात्रि विश्राम में उत्पन्न हुई समस्या के संबंध में मुख्यमंत्री ने दूसरे दिन सुबह खुद इस बात का जिक्र भी किया।
रीवा कमिश्नर ने की कार्यवाही:-
उधर जब रीवा कमिश्रर को इस पूरी अव्यवस्था की जानकारी हुई तो उन्होनें मामले को संज्ञान में लेते हुए उच्च विश्राम गृह प्रभारी उपयंत्री लोक निर्माण विभाग सीधी बाबूलाल गुप्ता को निलंबित कर दिया है।
कार्य में लापरवाही का आरोप:-
इस संबंध में सर्किट हाउस के प्रभारी उपयंत्री लोक निर्माण विभाग सीधी बाबूलाल गुप्ता को पूर्व में ही सूचना दी गई थी। फिर भी विश्राम गृह के आसपास उनके द्वारा सफाई नहीं कराई गई। यहां आसपास सफाई का नितांत अभाव पाया गया एवं सर्किट हाउस के पानी का टैंक लगातार ओव्हर फ्लो हो रहा था। लापरवाही के चलते सर्किट हाउस के कक्ष में मच्छर भी मौजूद होनें की शिकायतें सामने आई। इससे स्पष्ट है कि कक्ष का रख रखाव विशिष्ट अतिथि की गरिमा के अनुरूप नहीं था।
कार्यपालन यंत्री की वेतन वृद्धि रोंकने के आदेश:-
कमिश्रर रीवा संभाग राजेश कुमार जैन ने उक्त लापरवाही को काफी गंभीरता से लेते हुए जहां एक ओर उच्च विश्राम गृह प्रभारी बाबूलाल गुप्ता को निलंबित कर दिया है तो वहीं कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सीधी देवेन्द्र कुमार सिंह एवं अनुविभागीय अधिकारी सीधी आरके मिश्रा की वेतन वृद्धि रोंकने के आदेश जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री के लिए तैयार किया गया था कक्ष क्रमांक-2:-
सीधी भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को 17 फरवरी को पनवार हवाई अड्डा से हेलीकॉप्टर से रीवा जाना था। किंतु अधिक से अधिक मृतक परिवारों के घरों में शोक संवेदना प्रकट करनें के चक्कर में मुख्यमंत्री की रात्रि विश्राम को लेकर असमंजस की स्थिति निर्मित थी। जैसे ही मुख्यमंत्री की रात्रि विश्राम की जानकारी प्रशासन को हुई तो आनन-फानन लोक निर्माण विभाग द्वारा उच्च विश्राम गृह के कक्ष क्रमांक-2 को तैयार किया गया। लेकिन मुख्यमंत्री कक्ष क्रमांक-2 में न जाकर एक में ही पहुंच गए और देर रात तक कार्यकर्ताओं से मिलने का सिलसिला चलता रहा। विभागीय सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के विश्राम कक्ष में मच्छर को भगाने व मच्छर मारने की पूरी व्यवस्था की गई थी। किंतु बार-बार कक्ष का दरवाजा खुलने व बंद होने के कारण कुछ मच्छर कक्ष के अंदर प्रवेश हो गए थे। जिसके चलते मच्छरों के कारण मुख्यमंत्री की नींद मेंं खलल उत्पन्न हुआ।
पानी चालू कर मोटर बंद करना भूल गया था कर्मचारी:-
उच्च विश्राम गृह में रखी पानी की टंकी को सुबह 4 बजे भरनें के लिए उच्च विश्राम गृह में तैनात कर्मचारी ने पंप चालू कर दिया था। जिससे टंकी में पानी भर जाए। किंतु पंप को बंद करना भूल गया। जिसके कारण पानी टंकी से ओव्हर फ्लो होकर नीचे जमीन पर गिरता रहा। दुर्भाग्य ये भी था कि जिस कक्ष में मुख्यमंत्री विश्राम कर रहे थे उसी कक्ष के बाहर पानी नीचे गिरता रहा। पानी की टंकी से ओव्हर फ्लो होकर जमीन में पानी गिरने से टप-टप की आवाज ने मुख्यमंत्री की नींद उड़ा दी थी। इसे उक्त कर्मचारी की लापरवाही कही जा सकती है।
सबके लिए खुला रहता है उच्च विश्राम गृह:-
उच्च विश्राम गृह सीधी जिले के छुटभैया नेताओं के लिए आराम का अड़्डा बन चुका है। आए दिन कोई न कोई नेता बिना बुकिंग कराए ही विश्राम गृह के कमरों में आराम फरमाते रहते हैं। यही नहीं अपने पावर का धौंस जमाकर भोजन आदि की व्यवस्था भी विभागीय स्तर से कराते हैं। जिसके चलते विभागीय अधिकारी कर्मचारियों को कमरे की साफ-सफाई व रख-रखाव के लिए समय नहीं मिलता। उच्च विश्राम गृह की स्थिति विगत कुछ वर्षों से ऐसी हो गई है कि जो जब चाहे आराम फरमा सकता है। कर्मचारी अपनी नौकरी बचानें के लिए विश्राम गृह से कमरों को खोलनें के लिए मजबूर हो जाते हैं। जिला प्रशासन के रिकार्ड में उच्च विश्राम गृह के कमरे खाली रहते हैं। जबकि वास्तविकता ये है कि कभी भी कमरे खाली नहीं रहते।
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