सीधी को संभाग बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ

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सीधी को संभाग बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ



सीधी को संभाग बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ




 सीधी।
सीधी जिले को संभाग बनाने एवं कमिश्नर की लिंक कोर्ट को नियमित करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के लिए हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ किया गया है।
इस संबंध में अधिवक्ता उदय कमल मिश्र ने जानकारी देते हुए कहा कि सीधी जिले को संभाग बनाने की मांग वर्षों से थी जिसके चलते ही सीधी जिले की जनता जनार्दन ने स्वप्रेरणा से 23 /05/2013 से हजारों पत्र मुख्यमंत्री को भेजकर सीधी को संभाग बनाने की मांग की गई थी। राजनैतिक दलों के जनप्रतिनिधियों, अधिवक्ता, समाजसेवी, कर्मचारी, अधिकारीगण एवं मीडिया जगत के लोगों द्वारा पत्र भेजा गया था।31/07/2013 को उच्च विश्राम गृह सीधी में सीधी को संभाग बनाने के संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन भी दिया गया। मुख्यमंत्री के द्वारा संभाग बनाने के संबंध में सद्दभावना पूर्वक विचार करने के बाद पत्र भेजने के अभियान पर विराम लगाया गया।
उदय कमल मित्र ने कहा कि 31/07/2013 के पश्चात आज तक सीधी को संभाग बनाने की मांग पर मुख्यमंत्री के द्वारा कोई पहल नहीं की गई। जहां तक सीधी जिले के पूर्व के इतिहास को देखें तो 24/05/2008 को सीधी जिले को दो भागों में विभक्त कर सिंगरौली नया जिला बना दिया गया। 03/03/1982 के पूर्व सीधी जिले में गोपद बनास,देवसर एवं सिंगरौली तीन तहसीलें थी। ये जिला भौगौलिक एवं राजस्व की दृष्टि से म.प्र.का प्रमुख जिला माना जाता था।गोपद बनास,देवसर तहसील में अपार धन संपदा थी, सिंगरौली में खनिज संपदा का अपार भंडार था। सिंगरौली जिले के गठन में सीधी जिले की उपेक्षा की गई, सिंगरौली जिले में सिंगरौली एवं देवसर तहसील शामिल की गई जबकि सीधी जिले को एक मात्र गोपद बनास तहसील से संतोष करना पड़ा।
श्री मिश्र ने कहा कि सीधी जिला वर्तमान में प्रदेश का अति उपेक्षित आदिवासी एवं अविकसित जिला है। सीधी जिले की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए शहडोल जिले की तरह सीधी को संभाग का दर्जा दिये जाने से जन आकांक्षाओं की पूर्ति होगी।
श्री मिश्र ने यह भी जानकारी दी की मुख्यमंत्री के नाम से प्रेषित ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि सीधी जिले में कमिश्नर की लिंक कोर्ट स्थापित है। कमिश्नर की नियमित कोर्ट किये जाने से ‌सीधी एवं सिंगरौली जिलेवासियों को न्याय प्राप्त करने और में सुविधा होगी।

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