सहकारी समिति के हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को बर्खास्तगी की नोटिस, वैकल्पिक व्यवस्था पर इनकी ड्यूटी लगाने के निर्देश

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सहकारी समिति के हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को बर्खास्तगी की नोटिस, वैकल्पिक व्यवस्था पर इनकी ड्यूटी लगाने के निर्देश



सहकारी समिति के हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को बर्खास्तगी की नोटिस, वैकल्पिक व्यवस्था पर इनकी ड्यूटी लगाने के निर्देश

भोपाल।
सरकारी उचित मूल्य की दुकान के कर्मचारी लगातर दुकानें बंद कर हड़ताल में हैं, बन्द दुकानों से गरीब जनता परेशान हो रही है हालांकि 2688 दुकानें संचालित है बांकी अन्य दुकान बंद की गई, पूरे मध्यप्रदेश में कर्मचारी हड़ताल में बैठे हैं और अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। 
शासकीय कर्मचारी घोषित कर उसी तरह वेतन-भत्ते व अन्य सुविधाएं देने की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे सहकारी समितियों के कर्मचारियों से अब सरकार सख्ती से निपटेने की तैयारी कर ली है। कुछ मांगों का निराकरण करने के बाद भी नहीं मान रहे जिसके चलते 14,321 कर्मचारियों को सहकारिता विभाग ने बर्खास्तगी का नोटिस थमा दिया है। सोमवार तक वे काम पर नहीं लौटे तो कार्रवाई की जाएगी। वहीं, दुकानों से राशन वितरण और किसानों का गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन करने हेतु कलेक्टरों को वैकल्पिक अमला तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। सहकारिता विभाग ने भी एस्मा (अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लागू करने की तैयारी कर ली है।


प्रदेश में सहकारी समितियों द्वारा संचालित 15,889 उचित मूल्य दुकानें कर्मचारी हड़ताल की वजह से बंद हैं। इससे न तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन वितरित हो रहा है, न गेहूं उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन। कर्मचारियों की मांग है उन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत ढाई साल का लंबित कमीशन दिया जाए।

सेल्समैन के वेतन में भी विलंब नहीं हो। उपार्जन की बकाया राशि का भुगतान कर शासकीय कर्मचारी घोषित कर उनके समान वेतन-भत्ते दिए जाएं। कई दौर की चर्चा के बाद भी वे शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग पर अड़े हैं। इससे प्रभावित हो रहे काम को देखते हुए अब विभाग ने उन्हें बर्खास्त करने के नोटिस थमा दिए हैं।

वहीं, प्रमुख सचिव खाद्य फैज अहमद किदवई और प्रमुख सचिव सहकारिता उमाकांत उमराव ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि राशन वितरण के लिए दुकानों पर सेल्समैन के स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था बनाएं। ग्राम सहायक, पंचायत सचिव की सेवाएं इसमें ली जा सकती हैं।

कोई सेल्समैन या सहकारी समिति व्यवधान उत्पन्न करती है तो एफआइआर दर्ज कराएं। दुकान में उपलब्ध राशन का पंचनामा बनाकर प्रतिवेदन भेजा जाए। गेहूं का पंजीयन किसी भी हालत में प्रभावित नहीं होना चाहिए। विपणन समिति के कर्मचारी हड़ताल नहीं कर रहे हैं, उनका उपयोग किया जा सकता है। हड़ताल पर प्रभारी समिति प्रबंधक, सहायक समिति प्रबंधक, लिपिक, सेल्समैन और भृत्य हैं।

दो मांगों पर बनी सहमति:-

  दोनों विभागों की उच्च स्तरीय बैठक में दो मांगो पर सहमति बन चुकी है।

1. सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लंबित कमीशन तीन माह में पूरा दे दिया जाएगा।

2.सेल्समैन का वेतन खाद्य विभाग सीधे उनके खाते में जमा करा देगा। अभी यह राशि समितियों को दी जाती है। उपार्जन की बकाया राशि को लेकर 15 अप्रैल तक पूरा लेखा-जोखा तैयार कर लिया जाएगा।

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