हैवानियत की हदें पार: उससे गिड़गिड़ाती रही रेप करले लेकिन मुझे मत मारो

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हैवानियत की हदें पार: उससे गिड़गिड़ाती रही रेप करले लेकिन मुझे मत मारो




हैवानियत की हदें पार: उससे गिड़गिड़ाती रही रेप करले लेकिन मुझे मत मारो




मध्य प्रदेश के भोपाल में लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना और इंसाफ मिलने में हुई देरी के बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार को निशाने पर लिया है। राहुल गांधी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि 'भोपाल रेप पीड़िता एक महीने बाद भी न्याय से कोसों दूर है क्योंकि भाजपा हमेशा पीड़िता को ही रेप का ज़िम्मेदार ठहराती है और कार्यवाही में ढील देती है जिससे अपराधियों का फ़ायदा होता है। यही है सरकार के 'बेटी बचाओ' का सच!'

इससे पहले इस कांड की पीड़िता ने अपनी आपबीती एक अखबार को बताई थी। पीड़िता ने बताया था कि 16 जनवरी की शाम एक अस्पताल के नजदीक आऱोपी शख्स ने उनपर हमला किया था। 

हमले की कहानी:-

'मैं 16 जनवरी की शाम करीब 7.30 बजे हर रोज की तरह ईवनिंग वॉक पर निकली थी। जेके हॉस्पिटल से दानिशकुंज चौराहे की ओर सड़क किनारे जा रही थी, तभी अस्पताल से करीब 200 मीटर 

करीब आते ही उसने तेजी से धक्का मारा। मैं सीधे सड़क किनारे पांच फीट गहरी खंती में गिरी। रीढ़ की हड्‌डी टूट गई। मैंने जैकेट छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन उसने झटके से मुझे झाड़ियों में पटक दिया। वो मेरा शरीर नोंचने लगा, दांतों से काटने लगा। वो दुष्कर्म की कोशिश कर रहा था। मैं हाथ-पैर चलाकर बचती रही, लेकिन वो पीट रहा था।'

 तू रेप कर ले, लेकिन जान से मत मार:-

'मैं चिल्लाई तो उसने पत्थर उठाकर सिर पर कई बार मारा। मुझे समझ नहीं आ रहा था क्या करूं। एक पल लगा कि ये मुझे जिंदा नहीं छोड़ेगा, इसलिए जान बचाने के लिए गिड़गिड़ाई- तू रेप कर ले, नहीं चिल्लाऊंगी, न किसी को फोन करूंगी। लेकिन पत्थर मत मारो। थोड़ी सांस तो लेने दो। उसने पत्थर मारना बंद कर दिया, पांच मिनट तक शरीर से बदसलूकी करता रहा। मैं हेल्प-हेल्प चिल्लाई। शुक्र है कि मेरी आवाज वहां से निकल रहे एक युवक-युवती ने सुन ली। दोनों झाड़ियों में घुस आए। दरिंदा उन्हें देखते ही मुझे अधमरा छोड़ भाग गया।'

इधर इस मामले में DIG इरशाद वली ने बताया कि 16 जनवरी को आरोपी के खिलाफ छेड़छाड़ और मारपीट की धाराओं में FIR दर्ज की गई थी। उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया। वह अभी जेल में है। उसकी दो बार जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है।

इस कांड की पीड़िता का कहना है कि पुलिस तीन दिन तक कहती रही कि आरोपी कोई परिचित ही होगा। लेकिन 20 दिन बाद अचानक उन्होंने बताया कि एक युवक ने गुनाह कबूल कर लिया है। उसे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन आज तक उस शख्स को मुझे नहीं दिखाया। मैंने आरोपी की आवाज का ऑडियो मांगा, ताकि उसकी पहचान कर सकूं, लेकिन पुलिस ने ऐसा भी नहीं दिया।

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