बड़ी कार्यवाही: 30 सीटर बस में सवार थे 60 सवारियां, ओवरलोड बस को किया गया जब्त,मचा हड़कंप
मध्यप्रदेश के सीधी जिला के रामपुर नैकिन क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सरदा पटना में एक ओवरलोड बस बाणसागर नहर में जल समाधि ले ली थी जिसमें 51 लोगों के मौत हो चुकी है और तीन अभी लापता है। सीधी बस हादसे के चलते पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है बस हादसे के दिन ही मध्य प्रदेश के मुखिया अपने दो मंत्रियों को सीधी घटनास्थल पर भेजे थे कल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मृतक के परिजनों को सांत्वना देने स्वयं आए और 22 परिवारों को सांत्वना दिए आपको बता दें कि यह घटना बहुत ही दर्दनाक थी, हालांकि कल मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन के एमडी, एजीएम एवं परिवहन विभाग के अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है और उन्होंने कहा कि जो भी दोषी होंगे वह बख्शे नहीं जाएंगे , कल 17 फरवरी को परिवहन मंत्री ने साफ साफ शब्दों में निर्देश दे दिए थे कि ओवरलोड वाहन और बिना परमिट के चलने वाली बसों पर कार्यवाही की जाएगी।
वहीं आज सागर में परिवहन विभाग के अधिकारी के नेतृत्व में कार्यवाही शुरू की गई
परिवहन विभाग की इस कार्रवाई से गुरुवार को बस संचालकों में हडकंप की स्थिति रही। एआरटीओ सुरेंद्र सिंह गौतम के नेतृत्व में अमले ने सुबह 11 बजे नेशनल हाइवे 26 पर बम्हौरी तिगड्डा पर जांच शुरू की। यहां घंटे भर की कार्रवाई में केवल दो ही बसें गुजरीं। इसके बाद अमला बड़तूमा पहुंचा। यहां सागर से जबलपुर व सागर से नरसिंहपुर व रहली की ओर जाने वाली बसों की जांच की। इस कार्रवाई से स्थिति यह थी कि कई बस ने सवारियों को रास्ते में ही उतार दिया। डेढ़ से दो घंटे में आरटीओ विभाग ने करीब 35 बसों की जांच की तो 10 में अनियमिताएं मिलीं।
ओवरलोडिंग बसों किया गया जब्त:-
रहली से आने वाली राजपूत बस कंपनी की बस क्रमांक सीजी 08 ए 0220 में क्षमता से अधिक सवारी भरीं थीं।
आरटीओ की चेकिंग देखते ही बस चालक ने दूर ही सवारियों को उतारना शुरू कर दिया। बस से करीब 15 से 20 सवारी उतार दी गईं। इस पर आरटीओ अमले की नजर पड़ी तो दौड़कर बस में बैठी सवारी की संख्या गिनी तो 41 थीं, वहीं करीब 20 सवारियों को उतार दिया गया था, जिन्हें बड़तूमा से पैदल ही मकरोनिया जाने काे कहा गया। इस तरह 30 सीटर बस में 60 के करीब सवारी मिलने पर इस बस को जब्त कर लिया गया। इसी तरह एमपी 15 पीए 0388 से भी सवार उतारीं गईं। इस बस में इमरजेंसी गेट तो लगा था, लेकन वह पूरी तरह से जाम था। विभाग ने इस बस को भी जब्त कर लिया।
अग्निशमन यंत्र की डेट निकली, फर्स्ट एड बॉक्स
एआरटीओ सुरेंद्र सिंह गौरम व टीएसआई मोनिका माीणा ने एक-एक बस के अंदर जाकर जांच की। कई बसों में फर्स्ट एड बाक्स नहीं मिलें बसों में अग्निशमन यंत्र तो रखे थे, लेकिन उनके उपयोग की तिथि निकल गई थी। बस के पिछले हिस्से में बस के दरवाजे के विपरीत दिशा में एक आपातकालीन दरवाजा लगा होने चाहिए, लेकिन कुछ जगह वहां सीट लगी मिलीं तो कहीं गेट जाम मिले। लंबी रूट की रात्रिकालीन बसों को छोड़ दें तो अधिकतर बसों में फर्स्ट एड बॉक्स और अग्निशमन यंत्र नहीं थे। कुछ बसों के चालक बगैर वर्दी के थे।
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