रिटायर शिक्षक का चेक चोरी कर 20 लाख किया पार,किरायेदार ही निकला आरोपी
सीधी
घर का किराएदार परिवार के सदस्य की तरह होता है लेकिन एक किराएदार ही मकान मालिक की बरसों की जमा पूंजी बैंक से ले उड़ा। रिटायर्ड शिक्षक के यहां किराएदार ने ही घर में रखा चेक चुराकर बैंक से 20 लाख रुपए निकालकर गमन कर लिया।
ये है पूरा मामला
मड़वास चौकी अंतर्गत टिकरी चेक पोस्ट के नजदीकी दरिया निवासी शंकर सिंह पिता गोपाल सिंह उम्र 62 साल रिटायर्ड शिक्षक हैं, बताया गया कि आरोपी राम सजीवन विश्वकर्मा पिता हुब्बलाल विश्वकर्मा निवासी निगरी पीड़ित शिक्षक के यहां किराए से मकान लेकर रहता था सितंबर महीने में शिक्षक के यहां से सिग्नेचर किया हुआ चेकबुक बैग सहित चोरी कर अपने घर ले गया और वहां से चेक में 20 लाख भरकर यूनियन बैंक टिकरी निकाल ले गया।
और बनवा लिया एफडी:-
बताया गया कि आरोपी राम सजीवन विश्वकर्मा निवासी नगरी पीड़ित शिक्षक के यहां से चेक चोरी कर बैंक से 20 लाख निकालने के बाद सिंगरौली जिले के सरई निवासी छोटेलाल सिंह के यहां गया और बोला कि हम जमीन बेचे हैं हमारा पैसा अपने बैंक अकाउंट में रख लो। छोटेलाल सिंह बिना पढ़ा-लिखा होने से कुछ समझ नहीं पाया और आरोपी के ऊपर विश्वास करके बड़ी रकम को अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिया। बाकी बचे पैसे आरोपी के द्वारा निगरी के आईसीआईसी बैंक में चार लाख की एफडी करवा लिया। कार्रवाई के दौरान मड़वास एवं टिकरी की संयुक्त पुलिस ने आरोपी से 1 लाख 20 हज़ार रुपये नगद बरामद कर लिया है।
ऐसे हुआ खुलासा:-
पीड़ित रिटायर्ड शिक्षक कुछ पैसे निकालने के लिए बैंक में गये हुए थे जहां बैंक के द्वारा पूछा गया कि आप चेक से 20 लाख रुपये किसको ट्रांसफर किए हैं यह सुनते ही पीड़ित के पैरों तले जमीन खिसक गई और उसने बताया कि हमने कोई पैसा ट्रांसफर नहीं किया है। शिक्षक तत्काल घर पहुंच कर चेक बुक ढूंढने लगे बताया गया कि आरोपी के चोरी के दौरान एक चेक बेड के नीचे ही गिर गया था तथा चोरी करने के बाद आरोपी अपना फोन बंदकर अपने गांव निगरी चला गया था। जहां पीड़ित ने बताया कि चेक जहां पर रखा था ये बात सिर्फ आरोपी को पता है और आरोपी उसी दिन से फरार हो गया है। पीड़ित ने पूरे मामले की जानकारी सीधी पुलिस कप्तान पंकज कुमावत को दिया जहां कप्तान के निर्देशानुसार मड़वास चौकी प्रभारी केदार परौहा के मार्गदर्शन में टिकरी चौकी प्रभारी डीके रावत ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 457, 380, 420 के तहत मामला पंजीबद्ध कर हिरासत में लिया गया जहां आरोपी के पास से 4 लाख रुपये की एफडी और एक लाख 20 हज़ार रुपये जप्त कर आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।
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