अवैध लेनदेन करने वाले अफसरों पर ईओडब्ल्यू जल्द दर्ज कर सकता है एफआईआर
भोपाल।
लोकसभा चुनाव में अवैध लेनदेन मामले में केंद्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड (CBDT) की रिपोर्ट में जिन पुलिस अफसरों के नाम हैं, उनके खिलाफ राज्य सरकार जल्दी ही एक्शन लेगी। केंद्र सरकार ने इन अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति राज्य सरकार को दे दी है। राज्य सरकार अब 3 आईपीएस अफसर सुशोभन बनर्जी, संजय माने और वी मधुकुमार के साथ राज्य पुलिस सेवा के अफसर अरुण मिश्रा को आरोप पत्र देकर जवाब तलब करेगी। इधर, आरोपी अफसरों ने भी अपने बचाव में मोर्चा खोल दिया है। इन अफसरों ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि आयकर की अप्रेजल रिपोर्ट के आधार पर सरकार को कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि अप्रेजल रिपोर्ट के आधार पर आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला भी दिया गया है।
सरकार को लिखे पत्र के बारे में चारों अफसर मीडिया से कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं। हालांकि एडीजी सुशोभन बनर्जी ने सरकार को पत्र लिखने की पुष्टि की है। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि हम अपना पक्ष सरकार के सामने रखेंगे, ना कि मीडिया के सामने। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुमति दिए जाने की जानकारी मिलने के बाद आरोपी अफसरों ने भी मोर्चा खोल दिया है। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग ने सीबीडीटी की रिपोर्ट मप्र सरकार को भेजने के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को आरोपी 3 आईपीएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। इससे पहले आयोग ने मप्र के मुख्य सचिव और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को 5 जनवरी को तलब कर इस मामले में की गई कार्रवाई के बारे में पूछा था। हालांकि इससे पहले ही राज्य शासन ने रिपोर्ट आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को भेजकर प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने के निर्देश दे दिए थे।
सूत्रों के मुताबिक ईओडब्ल्यू इस रिपोर्ट का परीक्षण करा रहा है। ऐसे संकेत मिले हैं कि ब्यूरो जल्दी ही एफआईआर दर्ज कर लेगा। क्योंकि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा को 20 जनवरी तक आयोग को स्टेटस रिपोर्ट से अवगत कराना है। दोनों अफसरों ने 5 जनवरी को इसके लिए दो सप्ताह की मोहलत मांगी थी। यही वजह है कि केंद्र से अनुमति मिलने पर अब आरोपी अफसरों को आरोप पत्र जारी कर दिए जाएंगे।
यह मामला EOW के पाले में जाने के बाद अब केंद्र से राज्य सरकार को एक्शन लेने की प्रक्रिया शुरु करने की अनुमति मिलने के बाद इन अफसरों की मुश्किलें बढ़ेंगी। हालांकि अभी तक ईओडब्ल्यू ने प्राथमिकी दर्ज करने में किसी का नाम शामिल नहीं किया है, लेकिन 3 आईपीएस अफसर सुशोभन बनर्जी, वी. मधुकुमार व संजय माने और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण कुमार मिश्रा पर गाज गिरना अब लगभग तय है।
सीबीडीटी की रिपोर्ट में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के मंत्री सहित 64 विधायकों के नाम हैं। इनमें से 13 विधायक रिपोर्ट आने से पहले बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। बीजेपी के 13 में से 8 विधायक (इसमें से दो प्रद्युमन सिंह तोमर और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव मंत्री भी हैं) सिंधिया समर्थक हैं। रिपोर्ट में सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम नहीं है, लेकिन दिग्विजय सिंह पर लोकसभा चुनाव में 90 लाख रुपए मिलने के आरोप हैं।
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