आखिरकार वीथिका भवन में फिर लिखा गया कुं. अर्जुन सिंह का नाम

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आखिरकार वीथिका भवन में फिर लिखा गया कुं. अर्जुन सिंह का नाम



आखिरकार वीथिका भवन में फिर लिखा गया कुं. अर्जुन सिंह का नाम


सीधी।
शहर के कलेक्ट्रेट के पास स्थिति इंडियन कॉफी हाउस चालू होते ही वीथिका भवन का लोकार्पण करने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे स्व. कुंवर अर्जुन सिंह का नाम शिला पट्टिका से मिटा दिया गया था। इस बात को लेकर मीडिया द्वारा खबर प्रकाशित किया था। जहां कि कांग्रेस के अध्यक्ष रूद्र प्रताप सिंह बाबा ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर से बात की। इसके बाद अंतत: कलेक्टर द्वारा शिला पट्टिका में शिलान्यास में कुं. अर्जुन सिंह का नाम फिर से लिखा दिया गया है। 
ज्ञात हो कि बघेलखंड विकास प्राधिकरण के सौजन्य से वीथिका भवन का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे कुंवर अर्जुन सिंह द्वारा 22 नवम्बर 1988 में किया गया था। उनकी सोच थी कि इस वीथिका भवन के माध्यम से पुरातात्विक संग्रहालय को लेकर जो भी प्रतिमाएं यहां स्थापित हैं उन्हे अलग स्वरूप देकर आम जनता के लिए दर्शन बतौर स्थापित किया जाएगा लेकिन कहीं न कहीं प्रशासनिक अमले की कमजोरी के कारण प्रतिमाएं अभी भी धूल खा रही हैं। उनकी यह भी मंशा रही होगी कि इस वीथिका भवन के माध्यम से लोक कला सहित अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का भी कार्यक्रम इस भवन के माध्यम से संचालित होगा। परन्तु दुर्भाग्य यह है कि जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा एवं प्रशासनिक अमले की अनदेखी के कारण इस भवन का जीर्णोद्धार नहीं हो पा रहा था। स्थिति यह रही कि यहां शराबियों सहित आसमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता रहा, प्रशासन ने भी मामले में अनदेखी की। इसी बीच इस भवन को इंडियन कॉफी हाउस खोलने की अनुमति दे दी गई। नतीजा यह रहा कि कॉफी हाउस खोलने के बाद से ही भवन में पहले से स्थापित लोकार्पण करने वाले कुंवर अर्जुन सिंह का नाम हटा दिया गया था। जिसको मीडिया के माध्यम से प्रकाशित करने के बाद अंतत: जिला प्रशासन द्वारा फिर से नाम लिखवाया गया है। कलेक्टर सीधी ने यह भी कहा कि जो भी पुरातात्विक प्रतिमाएं हैं उन्हे एक अलग कमरे में साफ-सुथरा रखकर फिर से नये सिरे से दर्शकों के लिए रखी जाएंगी। अब देखना है कि इस मामले में कितनी अमल होती है

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