राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता में पत्रकारों से चर्चा में कही ये बड़ी बात
भोपाल।
प्रियांक कानूनगो ने कहा कि पिछले दिनों आय मामलों के बाद देश के सभी चिल्ड्रन होम का इंस्पेक्शन करवाया। एक-एक चिल्ड्रन होम में जो कमियां पायी गई थीं। उनसे जिलाधिकारियों को राज्य सरकार को अवगत कराया गया।
115 चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट का रिपोर्ट कार्ड बनाया। इसमें सामने आया कि यहां रेग्युलर माॅनीटरिंग का अभाव था। इसके लिए सीडब्ल्यूसी, राज्य इंस्पेक्शन कमेटी, स्टेट इंस्पेक्शन कमेटी, संस्थाएं इस कार्य को संपादित करेंगी।
आयोग ने इस पूरे हमारी यह प्रक्रिया इस माह में पूरी हो जाएगी। हम एक एप डेवलप करने के अंतिम चरण में है। जिसका नाम मांसी है। जो मां की तरह बच्चों की चिंता, सुरक्षा करे। हर तीन माह में इंस्पेक्शन हो और इसमें अपलोड हो। ये जीआई इनेबल्ड होगा।
दूसरा प्यारे मियां मामले में आयोग ने संज्ञान लिया था। बच्चियों को न्याय मिले। आयोग की सतत निगरानी से सुनिश्चित हो पाया कि इंदौर में भी एफआईआर दर्ज हुई।
आज मैं बच्चियों से मिलकर आया हूं। बच्चियों की पढ़ाई चल रही है एडिशनल व्यवस्थाओं को देखा जा रहा है। आयोग से काउंसिलिंग डेस्क के एक ऑफिसर का नंबर उपलब्ध कराया है। जिससे वे आयोग के संपर्क में रह सकें।
मप्र में अनेक स्थान धार्मिक टूरिज्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। वहां पर एसओपी ये तय करती है कि कोई बच्चा भीख ना मांगे, सिग्नल पर कुछ बेचता ना देखा। ऐसे 50 स्थानों का आयोग ने चयन किया है।
हमने मप्र में सांची, पीतांबरा पीठ, खजुराहो, ओमकारेश्वर, रामराजा सरकार का मंदिर ओरछा को किसी भी बालश्रम और बच्चों के शोषण से मुक्त करने का काम आयोग अपनी निगरानी में करने वाला है।
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