राजधानी की स्वास्थ्य सेवाओं में होगा सुधार
भोपाल।
राजधानी भोपाल में स्वास्थ्य सेवाएं सही प्लानिंग न होने के कारण ढंग से नहीं चल पा रही हैं। यही कारण है कि जिले की 29 लाख जनसंख्या में 23 लाख शहरी आबादी के लिए कोई विभागीय व्यवस्था नहीं हैं। एक साल पहले जिले के स्वास्थ्य महकमे ने शहर में आठ शहरी स्वास्थ्य विकासखंड (अर्बन हेल्थ ब्लॉक) बनाने का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेजा था, लेकिन अब तक ये फाइलें सिर्फ इधर से उधर घूम रही थीं। अब कलेक्टर अविनाश लवानिया ने अर्बन ब्लॉक बनाने की मंजूरी देने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान को पत्र लिखा है। विभागीय अफसरों की मानें तो औसतन 2 लाख 76 हजार जनसंख्या पर एक विकासखंड बनाया जाता है। भोपाल की ग्रामीण आबादी महज 6 लाख और शहरी जनसंख्या 23 लाख होने के बावजूद शहरी क्षेत्र में एक भी ब्लॉक नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन, निगरानी और मूल्यांकन का काम अकेले सीएमएचओ के भरोसे रहता है। सीएमएचओ के एक पायदान नीचे कोई भी विभागीय निगरानी तंत्र न होने से व्यवस्थाएं प्रभावित होतीं हैं। बता दें कि 2017 में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आठ शहरी स्वास्थ्य विकासखंड बनाए थे, जिनमें 16 संस्थाओं के माध्यम से 2100 पोलियो बूथ पर दवा पिलाई गई। व्यवस्था में 2 लाख 80 हजार बच्चों को दस्तक अभियान के दौरान दवाएं पिलाई गईं। इन ब्लॉक के प्रभारी के तौर पर ब्लॉक मेडिकल ऑफीसर की तर्ज पर शहरी स्वास्थ्य खंड चिकित्सा अधिकारी पद पर प्रोन्न्त करने में कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा।
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