गोपद नदी में लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी,नही लगा मेला,प्रशासन के आदेश का रहा असर
(संतोष तिवारी)कुसमी
माना जाता है कि मकर सक्रांति के दिन सूर्य की पहली किरण से नई ऊर्जा का संचार होता है इसलिए आज के दिन लोग गंगा नदी के साथ प्रवाहित होने वाली नदियों मे स्नान करते हैं इस दिन स्नान व दान का काफी महत्व होता है शास्त्रों के अनुसार दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि अर्थात नकारात्मक का प्रतीक तथा उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात सकारात्मक का प्रतीक माना जाता है इसलिए इस दिन जप,तप,दान,स्नान,आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है कुसमी ब्लॉक में भी मकर सक्रांति का पर्व अधिकाँश लोगों ने घर मे ही मनाया वहीं कुछ लोगों ने गोपद नदी तट पर स्नान कर सूर्य भगवान को जल अर्पित किया मकर सक्रांति के अवसर पर जहाँ हर वर्ष कुसमी ब्लॉक के कई स्थानों जिनमे गोतरा अष्ठभुजी मंदिर गोपद नदी तट,बड़वाही शंकर जी मंदिर,हरचोका मेला स्थल सूना ही दिखा प्रशासन के आदेश का असर देखने को मिला कुसमी के मुख्य बाजार स्थल वाले जगह गोतरा मंदिर में दोपहर बाद इक्का दुक्का मेलहार खरीददारी के लिए पहुँचे भी लेकिन मेलहारो को निराशा ही हाँथ लगी मंदिर समिति द्वारा भी किसी प्रकार का भीड़ भाड़ न हो मंदिर का मेन गेट बंद कर दिया गया था कुसमी पुलिस के थाना प्रभारी अजय सिंह अपने दल बल के साथ बाजार स्थलों में पैनी नजर बनाए हुए थे जहां पुलिस बल के जवान मुस्तैद थे वहीं मंदिर समिति के अध्यक्ष दूलमनाथ गोस्वामी,सचिव दिनेश शुक्ला (बब्बू),उपाध्यक्ष रामलाल साकेत,शिवमूरत विश्वकर्मा, कमलेश गुप्ता,राजेन्द्र शुक्ला सूरत गोस्वामी आदि का सराहनीय योगदान रहा ।
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