भाजपा का नया तरीका - जो खुद न कर पायें उसे सुप्रीम कोर्ट को सौंप दो- अजय सिंह
मोदी सरकार सभी वर्गों को खत्म कर रही, अब किसानों की बारी
इसी विचारधारा और मानसिकता के खिलाफ लड़ाई शुरू हो चुकी है-अजय सिंह
सिंगरौली।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने आज सिंगरौली में किसान आंदोलन में कहा कि भाजपा सरकार ने अब नया तरीका निकाल लिया है, जो खुद न कर पायें उसे सुप्रीम कोर्ट पर थोप दो| फिर सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से फैसला करा लो| काले कृषि कानूनों में उन्होने ऐसा ही किया| सुप्रीम कोर्ट ने कानून पर अमल तो रोका लेकिन समिति गठित करके एक पुछल्ला लगा दिया| समिति में वही सब लोग हैं जो किसान विरोधी क़ानूनों का समर्थन कर चुके हैं|
अजयसिंह ने कहा कि मोदी सरकार धीरे धीरे सभी वर्गों को खत्म कर रही है| पहले सैंकड़ों उद्योगपतियों को निबटाया फिर नोटबंदी करके माता बहनों की जमा पूंजी खत्म करवा दी| युवाओं को ठगा और बेरोजगारी चरम पर पहुँचा दी| सभी बड़ी सरकारी कंपनियों को एक एक कर नष्ट करवाया या बेचना शुरू कर दिया| बी.एस.एन.एल.,रेलवे, भेल, एयर इंडिया, तेल कंपनियाँ, बैंक, एल.आई.सी. जैसे कई उदाहरण हैं| जब उन्हें लगा कि अभी तो किसान बचा है जो इनकम टेक्स भी नहीं देता और नये नये ट्रेक्टर खरीद रहा है, तो उन्हें निबटाने के लिए कृषि कानून ले आए| ऐसा कृषि कानून बना दो कि किसान को समर्थन मूल्य न मिले| उनकी जमीन दूसरा उद्योगपति ले ले| यह कानून कोई साधारण कानून नहीं है| किसान केवल कागज पर जमीन के मालिक रहेंगे, कब्जा किसी उद्योगपति का रहेगा| यही कारण है कि इसके खिलाफ अलग अलग प्रान्तों से आवाज उठ रही है|
सिंह ने कहा कि बी.जे.पी. की इसी मानसिकता और विचारधारा के खिलाफ हम सभी अंग्रेजों के बाद अब दूसरी आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं, जो लंबी चलेगी| उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण से ऐसा लगता है वे गांधी जी से भी पहले पैदा हुये| कहते हैं 70 साल में कुछ नहीं हुआ| उनका बस चले तो कहेंगे भाखरानंगल और हीराकुंड बांध हमने बनवाये| कृषि क्रांति और श्वेत क्रांति भी हम लाये| बड़ी बड़ी नवरत्न कंपनियाँ हमारी देन हैं| उन्होंने कहा कि 70 साल पहले जहां सुई भी नहीं बनती थी, उस भारत में अब हवाई जहाज बनने लगे| आज मुख्य मुद्दा किसानों की लड़ाई है| हम उनके साथ खड़े हैं| उनकी लड़ाई जितनी लंबी चलेगी, हम उतनी दूर तक उनके साथ जाएँगे| इसमें कोई समझौता नहीं होगा|
अजयसिंह ने कहा कि शिवराजसिंह को सिंगरौली तब याद आता है जब चुनाव आते हैं| कहते हैं सिंगरौली को सिंगापुर बना दूंगा, भले ही सरकार का पूरा खजाना लुटाना पड़े| आजकल वे नये मोड में हैं| अधिकारियों के लिए गाड़ दूंगा, उल्टा लटका दूंगा, तान दूंगा, किसी को नहीं छोड़ुंगा, जैसी गुंडों की भाषा बोल रहे हैं| चार दिनों में छह एस.पी. बदल दिये| इस नौटंकी से कुछ नहीं होने वाला| पहले खुद अपना रवैया बदलो, अधिकारी खुद ब खुद ठीक हो जाएंगे| छोटे अधिकारियों को धमकाने से कुछ नहीं होगा| वसूली आपके राज में हो| रेत और खनन माफिया आपकी शह पर पनपें और आप कहो कि सबको निबटा दूंगा| उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब सभी वर्गों को जोरदार आवाज उठानी पड़ेगी|
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