अमर की लाश को छिपानें वाले दोस्तों को क्लीन चिट ,परिजनों ने लगाई न्याय की गुहार
सीधी।
शहर के बाईपास मार्ग से लगे जोरौंधा मछली पालन केंद्र के समीप कीचड़ युक्त पानी में अमर वर्मा पिता रामसजीवन वर्मा 18 वर्ष निवासी कोठार की लाश अभी शनिवार की सुबह मिलनें के मामले में सिटी कोतवाली पुलिस नें उसके दोनों दोस्तों से पूूंछतांछ के बाद क्लीन चिट दे दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमर वर्मा की मौत की वजह एक्सीडेंट से आई संघातिक चोंटे हैं।
*क्या था मामला ?
दरअसल शुक्रवार की रात अमर वर्मा को रात में उसके दोस्त सचिन एवं सर्वेश बाईक से ले गए थे। पूरी रात अमर वर्मा घर नहीं लौटा और सुबह जोरौंधा मछली पालन केंद्र के समीप कीचड़ युक्त पानी में अमर वर्मा की लाश वहां से गुजर रहे लोगों नें देखी। पंचनामा एवं पोस्टमार्टम कार्यवाई के दौरान मृतक के परिजनों नें आरोप लगाया था कि दोनों दोस्तों ने ही सुनियोजित तरीके से हत्या को अंजाम दिया है। जिसके बाद कोतवाली पुलिस नें सक्रियता दिखाते हुए दोनों दोस्तों को थानें में बैठाकर पूंछतांछ की। इस दौरान दोस्तों नें बताया कि बाईक के दुर्घटनाग्रस्त हो जानें से अमर वर्मा की मौके पर ही मृत्यु हो गई। घटना के बाद वो लोग काफी डर गए और लाश को लेजाकर जोरौंधा मछली पालन केंद्र के समीप कीचडयुक्त पानी में फेंक दिया।
दोस्तों के इस बयान से कई तरह के सवाल खडे हो रहे हैं। मृतक के परिजनों का कहना है कि घटना के बाद दोनों दोस्तों को इतनी डरनें की जरूरत क्या थी कि वह गंभीर रूप से घायल अमर वर्मा को अस्पताल पहुंचानें की बजाय कीचडयुक्त पानी में फेंक दिए ? उनके द्वारा यह कैसे मान लिया गया कि दुर्घटना में अमर की मौत हो चुकी है ? गंभीर रूप से घायल रहनें के बाद भी व्यक्ति कई बार जीवित रहता है। यदि समय पर अस्पताल पहुंचाया गया होता तो संभवत: अमर को बचाया जा सकता था। कड़ाके की ठंड भरी रात में गंभीर रूप से घायल अमर को पानी में फेंक देना भी बड़ा अपराध है। उसे दोस्तों के कारण ही समय पर उपचार की सुविधा नहीं मिल सकी। स्थिति यह थी कि रात में अमर के घर न लौटनें पर जब दोस्तों को फोन किया गया तो उनके द्वारा दुर्घटना की जानकारी देनें की बजाय झूठ बोलते हुए साफ तौर पर कहा गया कि वह बीच में ही बाईक से उतर गया था। उसके संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। मृतक युवक के परिजनों का आरोप है कि दोस्तों के इस कृत्य पर सिटी कोतवाली पुलिस को कोई अपराध नजर नहीं आया। जबकि लाश को छिपाना भी अपराध में शामिल है। साथ ही दोस्तों नें स्वयं डॉक्टर बनकर गंभीर रूप से घायल अमर वर्मा को मृत घोषित कर दिया और लाश पानी में फेंककर अपनें घर चले गए। यदि घटना के बाद अमर जीवित था और पानी में कड़ाके की ठंड में फेंके जानें से उसकी मौत हुई तो उसका जिम्मेदार कौन है ? उनके इस कृत्य को भी पुलिस नें निरअपराध कैसे मान लिया ? मृतक के परिजनों नें इस घटना की निष्पक्ष जांच करानें एवं दोषी दोस्तों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार करनें की मांग पुलिस प्रशासन से की है।
उधर पुलिस द्वारा इस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ 304ए का मामला पंजीबद्ध कर दिया गया है लेकिन किसी पर नामजद रिपोर्ट परिजनों के कहने के बाद भी लिखना उचित नहीं समझा गया है। ऐसे में अब परिजन अब पुलिस पर भी संदेह व्यक्त कर रहे हैं।
की जा रही विवेचना : टीआई:-
नगर निरीक्षक कोतवाली हितेन्द्र नाथ शर्मा ने बताया कि इस मामले की विवेचना की जा रही है। उन्होने कहा कि मामला जमानती था इसलिए हिरासत में रखना किसी को उचित नहीं समझा गया। फिलहाल अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 304ए के तहत प्रक्रिया पंजीबद्ध की गई है। उन्होने बताया कि वाहन कोई चौहान युवक चला रहा था जो शराब के नशे में लिप्त था। जिसमें कि मृतक सहित तीनों को चोटे लगी हैं। जिसमे दो को कम चोटे लगी हैं इसकी जानकारी ली जा रही है जल्द ही जो भी दोषी होंगे कार्यवाही की जाएगी।
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