पैरामेडिकल छात्र - छात्राओं के सहारे जिला अस्पताल, मरीजों की लगती हैं लम्बी कतारें

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पैरामेडिकल छात्र - छात्राओं के सहारे जिला अस्पताल, मरीजों की लगती हैं लम्बी कतारें



पैरामेडिकल छात्र - छात्राओं के सहारे जिला अस्पताल, मरीजों की लगती हैं लम्बी कतारें


शहडोल। 
सर्दी का मौसम है और इस मौसम में सेहत लोगों की अच्छी रहती है जिसके चलते सर्दी जुकाम बुखार जैसे मरीज कम ही आते हैं लेकिन इसके बाद भी जिला अस्पताल में इन दिनों मरीजों की अच्छी खासी संख्या है जो भर्ती रहकर इलाज करा रहे हैं। अस्पताल का सर्जिकल वार्ड इन दिनों मरीजों से खचाखच भरा हुआ है। लोगों का मानना रहता है कि सर्दी में ऑपरेशन कराने से घाव पकता नहीं है जिसके चलते इस समय ऑपरेशन भी जमकर हो रहे हैं साथ ही एक्सीडेंड वाले केस भी ज्यादा पहुंच रहे हैं जिसके कारण सर्जिकल वार्ड की हालत बेहद संजीदा है।
 जिला अस्पताल में एक्सीडेंटल केस सबसे ज्यादा आ रहे हैं जिसके चलते सर्जिकल वार्ड फुल है। इन दिनों आठ से दस मरीज एक्सीडेंट के यहां भर्ती हो रहे हैं। साथ ही ऑपरेशन वाले मरीज अलग हैं जिसके चलते यहां की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। यहां के सर्जन बताते हैं कि समस्या यह भी है कि मरीज ठीक होने के बाद भी छुट्टी नहीं कराना चाहते। सरकारी अस्पताल में फीस न लगने के कारण मरीज और उसके परिजन यहां से जल्दी जाना नहीं चाहते।
इस समय यह है वार्ड की हालतः जिला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में सुबह से लेकर शाम तक ऑपरेशन की झड़ी लगती रहती है। सर्जन के तौर पर जिला अस्पताल के डॉक्टर राजा शीतलानी और डॉक्टर वीपी पटेल तो ऑपरेशन करते ही हैं इसके अलावा मेडिकल के डॉक्टर्स भी यहां पर दिन के समय ऑपरेशन करते हैं जिसके चलते यहां के स्टाफ पर भी काफी दबाब इन दिनों है। वार्ड़ की हालत यह है कि यहां काम करने वाला स्टाफ दिक्कतों का सामना कर रहा है। स्टाफ की कमी होने के कारण दोपहर की शिफ्ट और रात की शिफ्ट में वार्ड बॉय तक नहीं रहता है। एक स्टाफ से काम लिया जाता है।
जिला अस्पताल के सोनोग्राफी कक्ष के सामने रोज मरीजों की कतार लगी देखी जा रही है। यहां पर मरीजों को नंबर देना पड़ता है कभी कभी तो तीन से चार दिन बाद नंबर आता है। दूरदराज गांव से आने वाले मरीजों को इससे भारी दिक्कतें आती हैं। इस समय चालीस के आसपास मरीजों की सोनोग्राफी की जा रही है यही हाल एक्सरे का है यहां पर एक्सीडेंट के मरीज ज्यादा आने के कारण एक्सरे कराने वालों की लाइन सुबह से लग जाती है।
जिला अस्पताल में न केवल शहडोल जिले के बल्कि अनूपपुर और उमरिया तक से मरीज आते हैं। इतना ही छत्तीसगढ़ तक से लोग यहां इलाज कराने आते हैं जिसके चलते यहां पर ज्यादा दबाब भी है। इसके साथ ही स्टाफ की बात करें तो नर्स व वार्ड बॉय की संख्या कम है। सुबह की शिफ्ट में तो पैरामेडिकल छात्र छात्राओं से सेवा लेकर काम चलाया जाता है।

इनका कहना है-

सीमित संसाधनों में हम जिले के लोगों को बेहतर इलाज मुहैय्या करा रहे हैं किसी को दिक्कत नहीं होने दी जा रही है। काम अच्छा चल रहा है। अब जो स्टाफ की कमी की बात है तो वह हमारे बस की बात नहीं है।

डॉ.एम एस सागर
सीएमएचओ शहडोल।

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