धान उपार्जन केंद्रों में जमकर हो रहा किसानों का शोषण,कार्यवाही ना होने से मनमानी कर रहे कर्मचारी
शिकायत करने से डर रहे किसान
मझौली।
मझौली उपखंड अंतर्गत धान उपार्जन केंद्रों में जमकर किसानों। का शोषण किया जा रहा है जिसका कवरेज कर कई बार कई समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशन किया गया किंतु जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न करने से खरीदी केंद्रों के कर्मचारियों के हौसले और आसमान छू रहे हैं। जहां पर किसानों को डराया जा कर की मीडिया से शिकायत में कोई कार्यवाही नहीं होगी नाही आपकी कहीं सुनी जाएगी जमकर किसानों का शोषण किया जाता है जानकारों की माने तो शासन के नियमानुसार किसानों को अपनी धान खरीदी केंद्रों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी है जहां पर भरने एवं तोलने के लिए समितियों द्वारा लेबरों की व्यवस्था की जानी है किंतु मझौली क्षेत्र अंतर्गत यदि खरीदी केंद्र टिकरी को छोड़ दिया जाए तो अन्य तीन केंद्र मझौली, ताला, मड़वास मैं किसानों को ही अपनी धान समिति की बोरियों में भरकर तौलना पड़ता है यहां तक की किसानों को धान तौलाई करने के लिए साथ में कांटा लेकर भी आना पड़ता है वही किसानों की माने तो जो पहुंच वाले हैं या की कमीशन देते हैं उन्हें तत्काल बोरिया उपलब्ध करा दी जाती हैं तथा जो ऐसा नहीं करते उन्हें कई दिनों तक उपार्जन केंद्रों में रुकना पड़ता है यदि किसी तरह धान की तलाई करवा ली जाती है तो हप्तों पावती के लिए खरीदी केंद्रों का चक्कर लगाया जाता है । पीड़ित किसानों के बयान एवं गोपनीय शिकायत के आधार पर समाचार पत्रों में कई बार खबर प्रकाशन कर जिम्मेदारों को इस से अवगत कराया गया किंतु नाही जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों की इस ओर ध्यान गया नाही शासन के उन जिम्मेदार प्रतिनिधियों एवं नेताओं के जो आपने आपको गरीबों के महेशा बता रहे हैं जिससे जमकर किसानों का शोषण अभी भी धान उपार्जन केंद्रों में जारी है। समाचार पत्र के माध्यम से शोषित किसानों द्वारा शासन प्रशासन से कार्यवाही की गुहार लगाई गई है। अब देखना होगा कि क्या जिला प्रशासन का इस ओर ध्यान जाता है या जिला प्रशासन भी इसे नजरअंदाज कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा।
जाने क्या है खरीदी केंद्रों का हाल
1-उपार्जन केंद्र मझौली--
धान उपार्जन केंद्र मझौली में जहां व्यापारियों का डेरा जमा रहता है तथा छोटे कर्मचारियों का बोला वाला है बड़े कर्मचारी हमेशा नदारद रहते हैं यहां पर व्यापारियों एवं कर्मचारियों को सुविधा मुहैया कराई जाती है किसानों को इतना परेशान किया जाता है कि खुद को व्यापारियों के हाथ अपनी धान बेचने के लिए मजबूर हो जाते हैं यहां किसानों से ही बोरी भर्ती कराई जाती है तथा 40.800 की जगह 41 किलो लिया जाता है यहां प्रभारी बनाए गए सहायक सनी प्रबंधक राजेश सिंह का बोला बाला है समित प्रबंधक भूपेंद्र सिंह सीधी में डेरा डाल अधिकारियों को खुशामद करने में शायद लगे हुए गोदाम कर्मचारी भी यहां से नदारद रहते हैं जहां पर सहायक समिति प्रबंधक की धान ट्रैक्टर से उतर कर सीधे गोदाम के अंदर भर्ती की जा रही थी किंतु यहां पर इसका जवाब देने के लिए कोई भी कर्मचारी उपलब्ध नहीं था।
2-- उपार्जन केंद्र ताला-- धान उपार्जन केंद्र ताला की संपूर्ण जिम्मेदारी कंप्यूटर ऑपरेटर के हवाले कर समिति प्रबंधक ज्ञानेंद्र सिंह नदारद रहते हैं जहां पर ऊंचे स्तरों तक पहुंच रखने वाले एवं कमीशन देने वालों को तत्काल बोरिया उपलब्ध करा दी जाती है। किसानों से ही भराई एवं तलाई कराई जा रही है वही जो किसान गरीब हैं नेताओं से पकड़ नहीं है तथा कमीशन नहीं देते उन्हें कई दिनों तक परेशान किया जा रहा है मझौली क्षेत्र में यही एक खरीदी केंद्र है जहां पर 40.800 की भर्ती कराई जाती है किंतु गोपनीय सूत्रों की माने तो किसानों से कमीशन के रूप में धान ली जा रही है। इस समिति में व्यापारियों के साथ दलालों का बोलबाला देखा गया।
3- उपार्जन केंद्र मड़वास-- धान उपार्जन केंद्र मड़वास में खरीदी की जिम्मेदारी चौकीदार एवं कंप्यूटर ऑपरेटर के हवाले की गई है यहां पर 40.800 की जगह41 किलो की बोरी भर्ती कराई जाती है जो स्वयं किसान बोरी भर्ती एवं तौल कर समिति को देते हैं समिति से जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी हमेशा नदारद रहते हैं जिसका जवाब देने वाला कोई नहीं मिलता।
4- उपार्जन केंद्र टिकरी- धान उपार्जन केंद्र टिकरी की जवाबदारी निष्कासित विक्रेता के हवाले की गई है जहां पर 40.800 की जगह 41 किलो की भर्ती समिति के लेबरों द्वारा कराई जाती है समिति प्रबंधक एवं अन्य जिम्मेदार कर्मचारी नदारद रहते हैं।
कहां जाएगी तौल की 200 ग्राम धान:---
शासन के नियमानुसार किसान से 40.800 के भर्ती कराए जाने का निर्देश है किंतु यदि ताला धान उपार्जन केंद्र को छोड़ दिया जाए तो मझौली, मड़वास एवं टिकरी मे मैं 41 किलो की भर्ती कराई गई है जिसमें 200 ग्राम प्रति बोरी भर्ती ज्यादा कराई गई है साथ ही टिकरी को छोड़ दिया जाए तो 3 समितियों में किसानों को ही भर्ती एवं तौलाई करनी पड़ी है इस तरह एक और जहां तौल भी ज्यादा लिया जा रहा है वही किसानों से लेबरों का काम भी कराया जा रहा है इस तरह किसानों का शोषण किया जाना अत्यंत निंदनीय है।
क्या प्रशासन दिलाएगा किसानों की मजदूरी--
एक और जहां किसानों से शासन के नियमानुसार तौल मैं किसानों से ज्यादा मात्रा में धान ली जा रही है वही खरीदी केंद्रों में लेबरों का काम किसानों से ही कराया जाता है अब देखना होगा कि क्या शासन के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी मजदूरी की राशि समिति प्रबंधकों से किसानों को दिलाई जाएगी या मिल बांटकर हजम कर ली जाएगी इसी तरह का माहौल गेहूं खरीदी में भी देखा गया था जहां पर परिश्रम की राशि देने की बात सामने आई थी किंतु किसी भी किसान को यह राशि नहीं दी गई है।
जिम्मेदारों की भूमिका संदिग्ध:--
एक और जहां धान खरीदी केंद्रों में निर्धारित मात्रा से ज्यादा धान ली जा रही है वही मजदूरों का काम भी किसानों से करा कर किसानों का जमकर शोषण किया जा रहा है तथा समित कर्मचारियों द्वारा व्यापारियों से सांठगांठ कर किसानों को परेशान कर व्यापारियों के हाथ धान बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है जिसका समाचार प्रकाशन समाचार पत्रों में लगातार किया जा रहा है किंतु सीजन बीत जाने के उपरांत किसी भी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई नाही पार्टी के किसी बड़े नेता या प्रतिनिधि द्वारा इस ओर ध्यान दिया गया जिससे समिति एवं गोदाम के कर्मचारियों के साथ साथ जिम्मेदार अधिकारी एवं क्षेत्रीय नेता एवं जनप्रतिनिधि भी संदिग्धता के घेरे में हैं।
इनका है कहना:-
1-- मैं 1 हफ्ते से मझौली उपार्जन केंद्र में धान लेकर आया हूं जहां पर आज मुझे धान की सफाई करने के लिए बोला गया है।
कृषक बृजेश
2- मैं 1 हफ्ते पूर्व कई दिनों इंतजार के बाद धान बिक्री करके गया था किंतु एक हफ्ते बीत जाने के बाद भी मुझे यहां से रसीद प्राप्त नहीं हो सकी जिसके लिए मुझे गोदाम का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
हरप्रसाद शाहू
3- चार-पांच दिन से धान उपार्जन केंद्र ताला में धान लेकर आया हूं लेकिन मुझे अभी तक बोरिया प्राप्त नहीं हुई जबकि जो आज एवं कल लेकर आए हैं उन्हें उपलब्ध करा दी गई हैं मुझे परेशान किया जा रहा है
-प्रेमलाल बैस
4-- धान उपार्जन केंद्र मड़वास में अपने चाचा की धान लेकर आया हूं जिसे साफ कर बोरी में भर रहा हूं यहां पर हम लोगों को ही भरना एवं तौलना पढ़ रहा है।
राजराखन गुप्ता
निवासी जोगी पहाड़ी।
5-- निष्कासित विक्रेता हूं मुझे समिति टिकरी में धान खरीदी केंद्र में रखा गया है यहां पर 41 किलो की तौल ली जाती है समिति प्रबंधक एवं सर्वेयर कोई नहीं है समिति की तरफ से मैं हूं
-गंगा सिंह
समिति कर्मचारी टिकरी
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