किसान आंदोलन : कांग्रेस सांसद एवं वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ दर्ज हुआ मामला,बढ़ सकती हैं मुसीबतें
(आर.बी. सिंह राज) सीधी
गणतंत्र दिवस के दौरान किसानों द्वारा जिस तरह लाल किले में उपद्रव किया गया उस मामले में सोशल मीडिया के मार्फत दंगा भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय स्तर के कांंग्रेसी नेताओं सहित मीडिया के कुछ बड़े पत्रकारों के खिलाफ बीते शुक्रवार को सीधी जिले के अमिलिया थाने में मामला पंजीबद्ध कराया गया है। फिलहाल मामले को लेकर अब तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन जिस तरह की स्थिति दिल्ली में निर्मित हुई उस मामले को लेकर सीधी जिले के अमिलिया थाने में मामला दर्ज होना बड़ी बात मानी जा रही है।
दरअसल जिले के वरिष्ठ किसान एवं पूर्व सरपंच गजराज सिंह तनय जनार्दन सिंह निवासी अमिलिया ने 26 जनवरी को किसान आंदोलन के बहाने जनता को गुमराह एवं भ्रमित करने तथा भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने साथ ही जाति, धर्म एवं समुदाय के खिलाफ उन्माद पैदा करने हेतु सीधी जिले के थाना अमिलिया में धारा 153 ए, 153 ए (1) (बी), 505 के तहत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद शशि थरुर, टीवी एंकर राजदीप सरदेसाई, कांग्रेस समर्पित अखबार नेशनल हेेनाल्ड समूह से श्रीमती में मृणाल पांडे सहित 8 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
अराजकता फैलाने का अक्षम्य अपराध: गजराज
किसान नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता गजराज सिंह चंदेल ने लिखित आवेदन देकर कहा कि सांसद शशि थरुर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय, अनंत नाथ, परेश नाथ, विनोद जोसास सहित कुछ अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल के नेता देश में अराजकता फैलाने का अक्षम्य अपराध कर रहे हैं। सरकार इनकी जांच कर तत्काल गिरफ्तार करके जेल भेजने के आग्रह के साथ अमिलिया थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। पूर्व सरपंच श्री चंदेल कहा कि देश के किसान जागरुक हैं। केंद्र की मोदी सरकार किसान हितैषी और किसानों के कल्याण के लिए निरंतर लगी हुई है। कृषि कानून किसानों की आय दुगना करने वाला है किंतु विपक्ष के नेता सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। 26 जनवरी को किसान आंदोलन के नाम पर घटित घटना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। इसकी आड़ में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दंगा कराने की फिराक में थे। श्री चंदेल ने कहा कि विपक्षी नेता जिसमें तथाकथित पत्रकार भी शामिल है ट्वीटर, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से देश में द्वेष, घृणा और दंगा फैलाने के लिए लोगों को उकसा ने और भड़काने का कार्य कर रहे थे। जिसकी विधिवत जांच कराकर आरोपियों को जेल भेजने का मांग करते हैं।
अधिवक्ता का तर्क जमानती हैं धाराएं
जिला न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द शुक्ला ने बताया कि इस मामले में लगाई गई धाराएं जमानती हैं। जिसमें कि धारा 153 में जान बूझकर जुलूस निकालने सहित अन्य मामलों को लेकर 6 माह की सजा एवं जुर्माना का प्रावधान है वहीं धारा 505 के तहत तीन वर्ष की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है। उन्होने कहा कि इस मामले में दर्ज हुए मामलो में संबंधितों के खिलाफ मुसीबतें बढ़ सकती हैं।
नोटिस के बाद देना पड़ेगा जवाब : पटले
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले ने कहा कि जो धाराएं इस मामले में लगी हैं हालांकि वो जमानती धाराएं हैं लेकिन इसके बावजूद भी थाने से नोटिस जारी की जाएगी। जिन पर कि संबंधित या उनके वकील को न्यायालय में आना पड़ेगा।
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