सीधी:रेट सूची तय नहीं:बसों सहित अन्य परिवहन वाहनों पर मनमानी किराया वसूली के आरोप
सीधी।
कोरोना काल में लाकडाउन के बाद बसों का संचालन शुरू हुआ लेकिन बिना रेट सूची तय किये मनमानी किराया वसूली की जा रही है। जबकि परिवहन विभाग द्वारा नई किराया सूची अभी तक नहीं जारी की गई है।
भले कि डीजल का दाम बढ़ा है लेकिन जब तक प्रशासन द्वारा बसों के किराया सूची की बढ़ोत्तरी का आदेश जारी नहीं किया जाता तब तक किराया बढ़ाने का औचित्य नहीं होता।
जिले भर में विभिन्न मार्गों से गुजरने वाली बसों सहित अन्य वाहनों के किराये में बेतहासा वृद्धि हुई है। देखा जाये तो बसों के किराये में खुद के रेट से 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी कर दिए हैं। मनमानी किराया लेने को लेकर विवाद की स्थिति भी निर्मित होती है परन्तु मामले में पहल नहीं हो पा रही है। सीधी से रीवा की दूरी मात्र 80 किमी है लेकिन किराया पहले जहां 80 रूपये लिया जाता था अब बढ़ाकर 120 रूपये लिया जा रहा है। वहीं सिंगरौली का किराया पहले 100 रूपये था अब बढ़ाकर 150 रूपये वसूली जा रही है। यही हालात हर मार्गों में गुजरने वाली बस संचालको का है। किराया वसूली के कारण लाकडाउन एवं कोरोना से जूझ रहे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इतना ही नहीं बसों के अलावा कमांडर एवं अन्य भाड़ा वाहनों द्वारा भी किराया का रेट काफी बढ़ा दिया गया है। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों को कार्यवाही करने की जरूरत होनी चाहिए।
आश्वासन के बाद बढ़ा दिया किराया:-
हालांकि लाकडाउन के बाद डीजल के रेट में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। करीब 15 रूपये से ज्यादा डीजल बढ़ोत्तरी की गई है। ऐसी स्थिति में बस संचालको द्वारा बसों के संचालन करने के पहले किराया बढ़ाने सहित कुछ अन्य शर्तें रखी थीं लेकिन उनकी शर्तों को प्रशासन द्वारा आश्वासन देने तक सीमित किया गया था। इसके बावजूद भी प्रशासन की बिना अनुमति अचानक किराया बढ़ाना उचित नहीं था। किराये की बढ़ोत्तरी का विरोध विपक्षी पार्टी के नेताओं द्वारा भी नहीं किया जा रहा है जबकि शासन ने अभी तक किराये सूची का कोई निर्धारण नहीं नहीं किया है।
अभी पुराना रेट ही किया गया है लागू : मोहटा
जिला परिवहन अधिकारी कृतिका मोहटा ने कहा कि अभी बसों के किराये को लेकर नया रेट नहीं लागू किया गया है। पुराने रेट पर ही बस संचालक यात्रियों से किराया वसूली करेंगे, यदि ऐसी कोई शिकायतें आती हैं तो बसों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
0 टिप्पणियाँ