नाबालिग को बहला फुसलाकर रचाकर किया था दुष्कर्म, आरोपी की जमानत अर्जी खारिज
जबलपुर ।
विशेष न्यायाधीश ज्योति मिश्रा की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित जबलपुर निवासी ग्यारसी चौधरी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
अभियोजन की ओर से अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी अजय जैन ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि एक दिसंबर, 2020 को फरियादी की दोनों बेटियां सब्जी लेने बाजार गई थीं। कुछ देर बार छोटी लड़की घर वापस आ गई, लेकिन बड़ी बेटी साथ नहीं आई थी। आसपास व रिश्तेदारों के यहां पूछताछ करने पर कोई जानकारी नहीं मिली। लिहाजा, घमापुर थाने पहुंचकर अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला-फुसलाकर कहीं ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
पुलिस ने जांच के बाद पाया कि लापता लड़की आरोपित ग्यारसी चौधरी को पहले से जानती थी। आरोपित आटा चक्की में काम करता था। लड़की गेहूं पिसवाने जाती थी। इसी दौरान परिचय हो गया। इसी परिचय को दोस्ती का नाम देकर आरोपित ने लड़की को बहलाना-फुसलाना शुरू कर दिया। एक रोज वह उसे भगाकर ले गया। पहले सिंधी कैंप स्थित मौसी के घर पर एक सप्ताह रुका। जब मौसी ने दोनों को भगा दिया तो वह लड़की को मैहर ले गया। जहां जबरन शादी की गई। इसके बाद दुष्कर्म किया गया। एक माह तक यह क्रम चला। इससे लड़की बुरी तरह टूट गई। यदि इस तरह के आरोपित को जमानत का लाभ दिया गया तो समाज में बुरा संदेश जाएगा। लिहाजा, जमानत अर्जी खारिज किए जाने योग्य है। अदालत ने तर्कों से सहमत होकर जमानत आवेदन खारिज कर दिया। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी में कहा कि इस तरह के मामलों का बढ़ना बेहद चिंताजनक है। नाबालिग को बहलाना आसान होता है। शातिर आरोपित इसी का लाभ उठाते हैं।
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