गरीब का गरीबी में है आटा गीला: जिम्मेवार बने मूकदर्शक
सीधी।
जिला मुख्यालय से तकरीबन 60 किलोमीटर दूर सिहावल से सटे बगदरा अभ्यारण बीट खैरपुर गांव में एक आदिवासी परिवार के 50 वर्षीय रामलखन कोल पिता राम शिरोमण कोल जो विगत दिनों भोर में शौच के लिए घर से बाहर निकला था कि रास्ते में जंगली जानवर का शिकार करने के लिए गांव के ही लोगों के द्वारा बिजली का जाल बिछाया गया था उसी जाल में फ़सकर 30% से अधिक जल कर सुलझ गया।
राम लखन कोल के द्वारा बताया गया कि जब मैं करंट के चपेट में फंसा बेहोश हो गया तो इस मामले का संदेही आरोपी मुझे वहां से उठाकर काफी दूर जंगल में फेंककर चला गया। गांव के ही कुछ लोगों के द्वारा मेरे परिवार को सूचना दी गई तो परिवार के सदस्यों द्वारा मुझे उठाकर घर लाए और खैरपुर बैरियल बीट में पदस्थ वन रक्षक शिव नारायण सिंह के द्वारा पीड़ित परिवार को बगदरा पुलिस चौकी ले जाया गया। वहीं बगदरा चौकी में पदस्थ प्रभारी के द्वारा बिजली के करंट से पीड़ित राम लखन कोल को चितरंगी हॉस्पिटल में लेकर जाया गया जहां से चितरंगी के डॉक्टरों द्वारा बैढन रेफर किया गया। बैढ़न हॉस्पिटल में 3 दिनों तक दवा उपचार कराने के बाद पीड़ित को घर भेज दिया गया है। पीड़ित गरीब परिवार होने के कारण दवा उपचार कराने में काफी असमर्थ है लेकिन पुलिस विभाग एवं वन विभाग के अधिकारियों द्वारा बिजली का करंट फैलाने वाले आरोपियों के खिलाफ आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। वहीं पैसे व दवा के अभाव में पीड़ित परिवार जिंदगी से लड़ रहा है लेकिन सिहावल मुख्यालय में निवासरत बगदरा अभ्यारण रेंजर संजीव रंजन कान में रुई डालकर मूकदर्शक बने हुए हैं। वहीं पीड़ित परिवार का मानना है कि बिजली का करंट फैलाकर जंगली जानवर का शिकार करने वाले अभियुक्तों से रेंजर मिले हुए हैं। इसी कारण से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
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