शिव सैनिकों के प्रयासों से फिर बूचडख़ानें जाने से बचे गौवंश,मड़वास चौकी पुलिस नें दो वाहनों को किया जप्त

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

शिव सैनिकों के प्रयासों से फिर बूचडख़ानें जाने से बचे गौवंश,मड़वास चौकी पुलिस नें दो वाहनों को किया जप्त



शिव सैनिकों के प्रयासों से फिर  बूचडख़ानें जाने से बचे गौवंश,मड़वास चौकी पुलिस नें दो वाहनों को किया जप्त


सीधी।

शिव सैनिकों के प्रयासों से बूचडख़ानें जानें से फिर 35 निरीह गौवंश बच गए। हफ्ते भर के अंदर शिवसेना के प्रयासों की यह दूसरी घटना है, जिसमें मंगलवार की देर रात तक शिव सैनिकों नें अपनी सक्रियता का प्रदर्शन करनें के साथ ही पुलिस से सतत संपर्क बनाते हुए गौवंशों को पशु तस्करों के कब्जे से बचानें में बड़ी सफलता पाई है। शिवसेना जिला इकाई के युवा कार्यकर्ताओं द्वारा मझौली थाना अंतर्गत मड़वास चौकी के भदौरा गांव में पशु तस्करी करने वाले वाहनों को पकड़वाया एवं गौवंशों को बचाया। 

ये था पूरा मामला:-

दरअसल शिव सेना के जिला अध्यक्ष विवेक पाण्डेय को शनिवार रात करीब 11 बजे गौवंशों को बूचडख़ानें ले जाने की फिर सूचना मिली थी। कुछ समय बाद ही शिवसेना युवा कार्यकर्ताओं द्वारा फोन पर सूचना दी गई कि पथरौला चौकी के समीप पशु तस्करी करने वालों की गाड़ी को शिव सैनिकों द्वारा रोक लिया गया है। जिसके बाद पशु तस्करों द्वारा चकमा देकर खाली गाड़ी को रेकी के लिए चौकी की ओर भेजा गया था। जिससे बाद में गौवंशों को दूसरे वाहन से अन्य रास्ते से निकाला जा सके। पशु तस्कर इसके लिए पूरी कार्ययोजना बनाए हुए थे। उनके साथ काफी संख्या में अराजक तत्व भी मौजूद थे। जो चार पहिया वाहनो में दूरी बनाकर चल रहे थे। गौवंशों को बचानें के दौरान उनके द्वारा गुंडागर्दी पूर्वक युवा शिवसैनिकों से बहस की जाने लगी। इस मामले में पथरौला चौकी प्रभारी ने कार्यवाई करनें की बजाय शिव सेना कार्यकर्ताओं का विरोध करते हुए मौके से भगा दिया गया। इसका फायदा उठाते हुए दूसरे रास्ते से पशु तस्कर भदौरा रेलवे फाटक की ओर रवाना हुए। किंतु यहां भी युवा शिव सैनिक मौजूद थे। 

जंगल विभाग का बेरियर तोड़ा:-

तस्करों को जब ये जानकारी हुई कि यहां शिव सैनिकों का पहरा है तो भदौरा की ओर दो डीसीएम वाहन क्रमांक एमपी 53 जीए 3288 एवं दूसरी गाड़ी क्रमांक यूपी 70 एचटी 2622 गाड़ी को बैक कराकर भदौरा रोड की ओर भागने लगे। शिव सैनिकों खबर मिलते ही गाड़ी का पीछा किए। पीछा करता जानकर भाग रही दोनों गाडिय़ों ने संजय रिजर्व टाइगर के बैरियर को भी क्षतिग्रस्त करते हुए आगे निकल गई। इसके बाद भी शिव सैनिकों द्वारा पीछा किया गया।

आनन-फानन गाड़ियों से उतारा गौवंश को:-

आनन-फानन में भाग रहे गौवंश तस्करों द्वारा संजय रिजर्व टाइगर अंतर्गत खोखरा गांव में तस्करों द्वारा गाड़ी को रोका गया। तस्करों के गुंडों की ज्यादा तादाद होने की वजह से जल्दी-जल्दी गाड़ी को खोलकर सभी गौ वंशों को गाड़ी से नीचे उतार दिया गया। इतने में भदौरा के युवा शिव सैनिकों द्वारा मौके पर पहुंचकर पुलिस के साथ गाड़ी को जप्त करवाया गया। इस दौरान इन वाहनों में पशुओं के बहे खून भी पाए गए।

*मड़वास पुलिस ने की कार्यवाही

मौके पर पहुंची मड़वास पुलिस नें दो गाडियों से उतारे गए 35 गौ वंशों को ग्राम सरपंच के हवाले कर दिया गया। गौ वंशों को बचानें में शिवसेना के विधानसभा प्रभारी प्रदीप विश्वकर्मा, जिला प्रवक्ता रावेंद्र शुक्ला, युवा कोषाध्यक्ष लाला वर्मा, महेंद्र बैस, राजकुमार तिवारी, अजमत अली, राजू तिवारी सहित दर्जनों से भी ज्यादा शिव सैनिकों की भूमिका सराहनीय रही।

*इनका कहना है

पूरे मामले की जानकारी शुरू से ही डीआईजी को फोन पर दी गई थी। विधानसभा प्रभारी द्वारा कंट्रोल रूम, मझौली थाना प्रभारी, मड़वास चौकी प्रभारी सहित पथरौला चौकी प्रभारी को बराबर सूचना दी जा रही थी।  पशु तस्कर चौकी पथरौला से रवाना हुए और चौकी मड़वास क्षेत्र के रास्तों में चकमा दे रहे थे। इसके बावजूद शिवसैनिकों नें कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस विभाग को सही जानकारी देनें के साथ ही खोखरा गांव में गौ वंशों को बचानें में सफल रहे। करीब आधे घंटे बाद मड़वास पुलिस मौके पर पहुंचकर दोनों वाहनों को जप्त किया एवं पशुओं को मौके स्थल पर ही ग्राम प्रधान के हाथों सुरक्षित पूर्वक सौंप दिया गया है।
विवेक पाण्डेय
जिला अध्यक्ष
शिवसेना सीधी

गौवंशों की तस्करी पर कार्यवाई में पुलिस है निष्क्रिय:-

जिले में गौवंशों की तस्करी का कारोबार तेजी से चल रहा है। विडंबना यह है कि इस मामले में पुलिस आगे आकर कोई कार्यवाई नहीं करती। जबकि पुलिस की रात्रिकालीन गस्त जिले भर में चलती है। ऐसे में सवाल खडे हो रहे हैं कि पुलिस को गस्त के दौरान गौवंशों की तस्करी में लगे वाहन क्यों नजर नहीं आते? या फिर पुलिस इनको नजर अंदाज करती है। करीब 6 महीनें में चौथी बार गौवंशों को बचाया गया है। गौवंशों को बचानें में जहां हिंदू संगठन आगे हैं वहीं पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय नजर आ रही है। 
स्थिति यह है कि हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता अपनी जान जोखिम में डालकर गौवंशों के अवैध परिवहन में लगे वाहनों को रोंकते हैं। सूचना देनें के बाद भी पुलिस काफी विलंब से पहुंचती है। ज्यादातर मामलों मे सही कार्यवाई भी नहीं होती। जिससे पशु तस्करों में कार्यवाई को लेकर कोई खौफ नहीं है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ