कृषि कानून लाकर किसानों के पेट पर लात मारी गई,आज नहीं तो कल, किसानों को हक जरूर मिलेगा : अजय सिंह
किसानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी
भोपाल ।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने कहा की पूरे देश के किसान मोदी द्वारा लाये गए तीन काले कृषि क़ानूनों को रद्द करने के लिए कई दिनों से कड़कती ठंड और बरसात में आंदोलित हैं| लेकिन मोदी किसानों और मजदूरों की नहीं, अडानी- अंबानी जैसे बड़े उद्योगपतियों की सुनते हैं| उन्होंने किसानों के पेट में लात मारी है| जब पेट पर लात पड़ती तब गुस्सा और खतरनाक हो जाता है| मुझे पूरा भरोसा है कि किसानों की शहादत बेकार नहीं जायेगी| आज नहीं तो कल, उन्हें अपना हक जरूर मिलेगा क्योंकि किसान भाइयों के साथ पूरा हिन्दोस्तान है|
अजयसिंह आज केंद्र सरकार के किसान विरोधी क़ानूनों को खत्म करने के लिए सतना में आयोजित हल्ला बोल आंदोलन में किसानों की रैली को संबोधित कर रहे थे| उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि कानून लाकर पूरे भारत को फिर से गुलामी की ओर ढकेल दिया है| यह वह समय था जब खेत में पसीना किसान का बहता था लेकिन फायदा ईस्ट इंडिया कंपनी और अंग्रेजों को होता था| क्या अन्नदाताओं की यही दशा देखने के लिये देश आजाद हुआ था| पहले हम अंग्रेजों की हुकूमत के खिलाफ लड़े थे और आज किसानों को काले क़ानूनों से आजादी के लिए अपनी जान गंवानी पड़ रही है|
सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा है कि या तो कानून रद्द करें या फिर इसकी बारीकी से जांच करा कर इसे लागू करें| उन्होंने कहा कि कानून को बारीकी से समझें तो यह किसानों के लिए नहीं, उद्योगपतियों और व्यापारियों के फायदे के लिए लाया गया है| यदि यह कानून रद्द नहीं किया गया तो हम दिल्ली जाकर किसान भाइयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे| हमारी सहानुभूति सिर्फ किसानों के साथ है| शास्त्री जी के "जय जवान जय किसान" के नारे को बुलंद करेंगे| किसान भाइयों के लिये हम सभी चिंतित हैं|
अजयसिंह ने कहा कि मोदीजी ने यह साबित कर दिया है कि सबसे बड़ा झूठ बोलने वाला यदि कोई है तो वे स्वयं हैं| चुनाव से पहले कहा था कि किसानों की आय दोगुनी करूंगा| करोड़ों युवाओं को रोजगार दूंगा| सबके जेब में 15-15 लाख डालूँगा| लेकिन सब भूल गए| बंगाल का चुनाव आने से पहले उन्होंने रवीन्द्रनाथ टैगोर का रूप धारण कर लिया| देश में ई.वी.एम. का खेल शुरू करने वाले मोदी ही हैं| चुनाव के पहले ही संभावित नतीजों की घोषणा कर देते हैं| मध्यप्रदेश की चुनी हुई सरकार को कैसे लूटा गया यह सबने देखा| जिस दिन यहाँ की सरकार गिरी उसके दूसरे दिन लॉक डाउन की घोषणा हुई| पहले यह घोषणा हो जाती तो इतनी मौतें नहीं होतीं| लॉक डाउन के पहले जब पूरे विश्व में कोरोना फैल चुका था उस समय ट्रंप को नमस्ते के लिये गुजरात बुलाया| उनके साथ 10 हजार लोगों की भारी भरकम टीम भी आई| उसके बाद देश में कोरोना बढ़ा| भाजपा राज में देश का सोना गिरवी रखा गया| उधार पैसा लिया गया| आखिर देश का पैसा गया तो गया कहाँ ? आज पूरे देश में मोदी का इतना विरोध है कि उन्हें कोई सुनने को तैयार नहीं है|
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