ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह अब भारतीय कंपनियाँ देश को दोबारा गुलाम बना रही हैं -अजय सिंह
बैलट पेपर से आज यदि चुनाव को जाये तो भाजपा साफ हो जाएगी
भाजपा के रहते किसान, गरीब और पिछड़े वर्गों की सुनवाई नहीं होगी
भोपाल।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आज छतरपुर में कृषि बिलों के विरोध में आयोजित विशाल किसान रैली में कहा कि आज यदि पूरे देश और राज्यों में बैलट पेपर से चुनाव हो जायें तो बी.जे.पी. साफ हो जाएगी| आजादी की लड़ाई में इनके एक भी व्यक्ति ने हिस्सा नहीं लिया| बी.जे.पी. में एक भी स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी नहीं हैं जिसका वे नाम ले सकें|
अजय सिंह ने कहा कि जब तक केंद्र में बी.जे.पी. की सरकार है, तब तक किसान, गरीब, दलित और आदिवासी की सुनवाई नहीं होगी| 1947 में जब देश आजाद हुआ तब गांधी, नेहरू, आजाद, अंबेडकर सहित सैकड़ों बड़े कांग्रेसी नेताओं ने संकल्प लिया था कि देश के गरीबों और वंचित लोगों को हर तरह के साधन उपलब्ध कराएंगे| लेकिन बी.जे.पी. की सोच इसके बिलकुल उलट है| वह आर.एस.एस. के इशारे पर चलती है जिसकी सोच यह है कि जब तक देश में 95 प्रतिशत जनता गरीब रहेगी, तब तक ही हम सत्ता में रह पाएंगे| इसलिए ये हर वर्ग को आर्थिक रूप से कमजोर करने में लगे हुये हैं| भाजपा के नेताओं में दया भाव बिलकुल नहीं है| देश का किसान दिल्ली में मर रहा है लेकिन सत्ता में काबिज लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की माँ के देहांत पर प्रधानमंत्री मोदी शोक संदेश भेजते हैं लेकिन जो किसान मर रहे हैं उनके बारे में वे एक शब्द नहीं बोलते हैं| यहाँ तक कि उनसे बात भी नहीं करते हैं|
सिंह ने कहा कि अंग्रेजों ने दो सौ साल भारत पर राज किया| एक ईस्ट इंडिया कंपनी थी जिसके कारण भारत गुलाम हुआ| वही इतिहास फिर दोहराया जा रहा है| आज दो- चार बड़ी कंपनियाँ हैं जिनके कारण किसानों के साथ साथ हर वर्ग गुलाम होता जा रहा है| अब यह दूसरी आजादी की लड़ाई हमारे किसान लड़ रहे हैं| उनकी सोच है कि किसान चाहे मर जाएँ लेकिन वही होगा जो हम दिल्ली में बैठकर तय करेंगे| अभी सिर्फ छह साल हुये हैं बी.जे.पी. को सत्ता में आए लेकिन देश कहाँ से कहाँ पहुँच गया| नोटबंदी ने तो सबका दिवाला ही निकाल दिया| बड़ी बड़ी कंपनियाँ और ताक़तें लगी हैं जिन्होंने भाजपा को सत्ता तक पहुंचाया| यदि हमने कमजोरी दिखाई तो हम फिर से गुलाम हो जाएँगे| इसलिए इनकी नीतियों के खिलाफ लड़ने के लिए कमर कस लो| लड़ाई लंबी है|
अजय सिंह ने कहा कि हर बार भाजपा वाले चुनाव के पहले ही बता देते हैं कि कितनी सीटें जीतेंगे और लगभग उतनी ही आती हैं| पिछले लोकसभा चुनाव में कहा था कि तीन सौ पार और इतनी सीटें आ गई| अब बंगाल में कह रहे हैं कि दो सौ पार| इस आत्मविश्वास के पीछे दाल में जरूर कुछ न कुछ काला है| उन्होंने कहा कि एक हमारे मामा हैं शिवराज सिंह| उन्हें जनता ने 15 साल बाद बाहर किया| लेकिन उन्हें सत्ता की ऐसी भूख जगी कि खरीद फरोख्त करके येन केन प्रकारेण सत्ता हथिया ली| आज भी सत्तर प्रतिशत भाजपा के टिकाऊ इन बिकाऊ लोगों के खिलाफ हैं लेकिन मामा की सोच है कि सबको खरीद लो और सत्ता पर बने रहो| दिल्ली में इनके आका का बस चले तो यह भी कहने लगेंगे कि नवरत्न कंपनियाँ हमने खोलीं| हीराकुंड और भाखरानंगल बांध हमने बनाया| श्वेत क्रांति और हरित क्रांति भी हम लाये| नेहरू द्वारा स्थापित सभी बड़े बड़े सरकारी प्रतिष्ठान बी.जे.पी. सरकार धीरे धीरे समाप्त करती जा रही है| इसलिए किसानों के संघर्ष में हर वर्ग को साथ देना है ताकि हम दूसरी गुलामी से बच सकें| इस अवसर पर आयोजित सभा को विधायकगण आलोक चतुर्वेदी, विक्रम सिंह नाती राजा, नीरज दीक्षित और पूर्व विधायक एस.पी. सिंह मुन्ना राजा आदि ने भी संबोधित किया|
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