राजधानी में खुलेगा विप्रो समूह का सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर, पूरे मध्यप्रदेश में करेगा यह कार्य

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राजधानी में खुलेगा विप्रो समूह का सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर, पूरे मध्यप्रदेश में करेगा यह कार्य



राजधानी में खुलेगा विप्रो समूह का सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर, पूरे मध्यप्रदेश में करेगा यह कार्य


अगले डेढ़ वर्ष में खुल जाएगा नया विश्वविद्यालय


मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा श्री अजीम प्रेमजी से शिक्षा योजनाओं पर चर्चा


भोपाल।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि Wipro Limited के प्रमुख श्री अजीम प्रेमजी उद्योग के क्षेत्र के साथ ही समाजसेवा के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य कर रहे हैं। उनके सामाजिक सेवाओं को एक उदाहरण और आदर्श माना जा सकता है। मध्यप्रदेश में अजीम प्रेम जी फाउंडेशन द्वारा विश्वविद्यालय स्थापना के लिए की गई पहल प्रशंसनीय है। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार फाउंडेशन को हर संभव सहयोग करेगी। इसके साथ ही भोपाल में विप्रो समूह द्वारा सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना के लिए दी गई सहमति मध्यप्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा विप्रो के श्री प्रेमजी से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने श्री प्रेमजी से शिक्षा योजनाओं, नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में सहयोगी बनने, बाल भवन में आदर्श आंगनवाड़ी की स्थापना और प्रदेश में कुपोषण उन्मुलन में सहयोगी बनने पर चर्चा की।
 
वीडियो कानफ्रेंस में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी, संचालक जनसंपर्क श्री आशुतोष प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर:-
वीडियो कान्फ्रेंस में भोपाल में विप्रो के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना के संबंध में चर्चा हुई। श्री प्रेमजी ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि वे इस सेंटर की स्थापना के लिए सहमत हैं। 

इस संबंध में सभी जरूरी कार्य शुरु किए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में कौशल विकास और उसके माध्यम से युवाओं को अधिकाधिक रोजगार देने का कार्य हो रहा है। आयटी क्षेत्र में भी युवाओं को अधिक अवसर मिलें, इस दृष्टि से ऐसे  डेवलपमेंट सेंटर की उपयोगिता रहेगी। आज की चर्चा में श्री प्रेमजी ने कहा कि मध्यप्रदेश को विप्रो समूह की ओर से पूरा सहयोग मिलेगा।
 
विश्वविद्यालय के लिए भोपाल में भूमि आवंटित, डेढ़ वर्ष में आकार लेगी योजना
 भोपाल में एपीएफ (अजीम प्रेमजी फाउंडेशन) को विश्वविद्यालय के लिए 50 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इसका प्रथम चरण शीघ्र प्रारंभ होगा। लक्ष्य यह है कि आगामी 18 माह में विश्वविद्यालय प्रारंभ हो जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री प्रेमजी को आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय की स्थापना से जुड़े सभी कार्य समय पर संपन्न होंगे। भोपाल में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यह विश्वविद्यालय एक महत्वपूर्ण संस्था के रूप में उभरेगा।

विप्रो को बनायेंगे नॉलेज पार्टनर:-
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री प्रेमजी से आग्रह किया कि नई शिक्षा नीति के संदर्भ में विप्रो समूह क्रियान्वयन के स्तर पर नॉलेज पार्टनर बने, तो अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। प्रशिक्षण से लेकर अन्य गतिविधियों में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध करवा सकता है। श्री प्रेमजी ने मुख्यमंत्री के आग्रह को स्वीकार करते हुए नॉलेज पार्टनर बनने पर सहमति व्यक्त की।
 
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में कार्य का विस्तार करेगा फाउंडेशन:-
मुख्यमंत्री श्री चौहान को श्री प्रेमजी ने जानकारी दी कि वर्तमान में मध्यप्रदेश के 1151 प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन कार्य कर रहा है। अभी फाउंडेशन की गतिविधियां पांच जिलों में है। इसका अन्य जिलों में भी विस्तार किया जाएगा। भोपाल स्थित जवाहर बाल भवन में आदर्श आंगनवाड़ी की स्थापना और प्री-प्रायमरी शिक्षा के लिए राज्यस्तरीय रिसर्च सेंटर के विकास के लिए भी प्रयास होंगे। अभी फाउंडेशन द्वारा अर्ली  चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन के क्षेत्र में भी गतिविधियां संचालित हैं।

कुपोषण उन्मूलन में सहयोग:-
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री प्रेमजी को जानकारी दी की प्रदेश में स्वास्थ्य और शिक्षा पर फोकस किया गया है। फाउंडेशन द्वारा कुपोषण उन्मूलन और पोषण के प्रति जागरूकता के क्षेत्र में सहयोग की अपेक्षा है। श्री प्रेमजी ने इस क्षेत्र में भी सहयोग प्रदान करने की बात कही।

स्व-सहायता समूहों की रचनात्मकता के बारे में बताया
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री प्रेमजी को जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में साढ़े तीन लाख महिला स्व-सहायता समूह श्रेष्ठ कार्य कर रहे हैं। इन्हें आंदोलन का स्वरूप दिया गया है, जिससे समूहों की उपयोगिता और आर्थिक समृद्धि बढ़ी है। समूहों से जुड़ी लगभग 35 लाख महिलाएं कोरोना काल में भी फेस मास्क निर्माण के पुनीत कार्य से जुड़ी रहीं। उन्होंने रेडी टू ईट तैयार करने के लिए चल रही सात में से पांच फैक्टरी का संचालन संभाला है। राज्य सरकार ने समूहों को प्रशिक्षण, ब्याज सब्सिडी और मार्केटिंग की सुविधाएं उपलब्ध करवाईं हैं।

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