जानलेवा हमले के आरोपियों की अग्रिम जमानत की अर्जी हाई कोर्ट में हुई खारिज

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जानलेवा हमले के आरोपियों की अग्रिम जमानत की अर्जी हाई कोर्ट में हुई खारिज



जानलेवा हमले के आरोपियों की अग्रिम जमानत की अर्जी हाई कोर्ट में हुई खारिज


विद्वान न्यायाधीश के सख्त फैसले से न्यायिक अवधारणा हुई मजबूत


भोपाल।
 मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के ब्योहारी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम साखी में विगत 3 जुलाई को बृजेश द्विवेदी एंड  ब्रदर्स पर हुए जानलेवा हमले के आरोपियों की अग्रिम जमानत की अर्जी जबलपुर हाईकोर्ट में खारिज हो गई है. विद्वान न्यायाधीश जस्टिस बीके श्रीवास्तव ने गुनाहगारों के अपराध की गंभीरता और उनके खिलाफ मजबूत तथ्यों , तर्कों और प्रमाणों को मद्देनजर रखते हुए  आरोपियों को अग्रिम जमानत देने से दो टूक इनकार कर दिया. इससे पहले विद्वान न्यायाधीश जस्टिस अंजुली पालो सहित कई जजों ने गुनाहगारों के अपराध की गंभीरता के दृष्टिगत इस मामले की सुनवाई कई बार टालते हुए नैसर्गिक न्याय की महत्वपूर्ण अवधारणा का ध्वज बुलंद रखा तथा अंततः  जस्टिस बीके श्रीवास्तव ने आरोपियों की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी. बृजेश द्विवेदी पर हुए जानलेवा हमले के बेहद शातिर आरोपियों ने पुनः किसी बड़े कांड को अंजाम देने की फिराक में अपनी जमानत के लिए तमाम तरह की  कवायदें की लेकिन उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी पहले सिविल कोर्ट ब्यौहारी के प्रतिबद्ध  अपर सत्र न्यायाधीश जस्टिस जयदीप सिंह ने खारिज की और अब जबलपुर हाईकोर्ट से भी आरोपियों की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने से यह साबित हो गया है कि गुनाहगारों को अपने कारनामों की सजा भुगतनी पड़ती है और इन आरोपियों को भी अंततः सरेंडर कर के जेल जाना ही पड़ेगा. धारा 307 के इन शातिर अपराधियों को हाईकोर्ट से भी इस तरह जोरदार झटका लगने से शहडोल आईजी जी जनार्दन और तत्कालीन शहडोल एसपी सत्येंद्र शुक्ला जैसे आला पुलिस अधिकारी भी खुश हैं, जिनके उत्कृष्ट योगदान की बदौलत आरोपियों पर न सिर्फ शिकंजा कसा बल्कि इस कांड के 7 आरोपियों में से 2 को  29 -30 सितंबर को गिरफ्तार भी किया गया था. जबलपुर हाईकोर्ट के इस उत्कृष्ट फैसले से बृजेश द्विवेदी पर हुए जानलेवा हमले के पीड़ित पक्ष सहित पूरे गांव एवं ब्योहारी क्षेत्र में  खुशी की लहर है  वहीं आरोपियों में हड़कंप मचा हुआ है. जबलपुर हाईकोर्ट में पीड़ित पक्ष की मजबूत पैरवी और आरोपियों को जमानत देने का प्रभावी ढंग से विरोध जबलपुर हाईकोर्ट के वरिष्ठ एवं प्रतिष्ठित अधिवक्ता कमलेश द्विवेदी ने की. वहीं ब्यौहारी सिविल कोर्ट में पीड़ित पक्ष की ओर से इस मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार शर्मा ने की थी. साखी गांव के लोगों का कहना है कि आर्मी मैन अभिषेक उर्फ गोलू इस मामले का मुख्य आरोपी है जिसे जल्द घसीट कर जेल भेजा जाना चाहिए.

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