प्रदेश में सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह विकास योजना में 870 समूहों

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प्रदेश में सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह विकास योजना में 870 समूहों

प्रदेश में सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह विकास योजना में 870 समूहों




स्व-सहायता समूहों को अनुदान के रूप में 8 करोड़ रूपये उपलब्ध कराये गये 

भोपाल।

प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं को स्वरोजगार योजना से जोड़ने के लिये मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम ने अब-तक 870 स्व-सहायता समूह गठित किये है। स्व-सहायता समूह के माध्यम से करीब 5 हजार 500 महिलाओं को स्व-रोजगार की गतिविधियों से जोड़ा गया है।

गठित स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक मदद मिलने पर लघु-कुटीर उद्योग, पशुपालन, हथकरघा एवं हस्तशिल्प जैसे परम्परागत व्यवसायों में जुड़कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हुई है। स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को विभिन्न बैंकों के माध्यम से करीब 20 करोड़ रूपये की राशि ऋण के रूप में उपलब्ध करवाई गई है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं को 8 करोड़ रूपये की राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध करवाई गई है।

सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजना में अनुसूचित जाति वर्ग की बीपीएल कार्ड धारी महिलाओं के स्व-सहायता समूह तैयार किये गये है। योजना में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को प्रति महिला के मान से अधिकतम दो लाख रूपये तक के बैंक ऋण और 10 हजार रूपये की राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जा रही है। स्व-सहायता समूह की महिलाएं कुशलतापूर्वक व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़ सकें, इसके लिये इन महिलाओं के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है।

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये जिलास्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। कमेटी के अन्य सदस्यों में जिला लीड बैंक, जिला संयोजक आदिम जाति, प्रतिनिधि ग्रामीण विकास विभाग, महिला बाल विकास और महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्रदेश में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत कार्य कर रहा है।

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