जहरीली शराब में मिला था मेथेनाॅल, 24 लोंगो की हो चुकी है मौत
ग्वालियर/भोपाल।
मुरैना में जिस जहरीली शराब काे पीने से 24 लाेगाें की माैत हाे गई, उसकी फोरेंसिक जांच में पता चला कि शराब में मेथेनॉल (मिथाइल एल्कोहल) मिलाया गया था। मृतकाें के शवाें की विसरा रिपोर्ट से साफ हो गया है कि शराब में जहरीला तत्व मिला था। दूसरी ओर, एसआईटी अपनी जांच पूरी करके शुक्रवार को भोपाल लौट आई। डीआईजी मिथलेश शुक्ला को मौके पर ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। फरार मुकेश किरार की गिरफ्तारी के लिए वे पुलिस के साथ समन्वय करेंगे। एसआईटी 17 जनवरी को अपनी रिपोर्ट सरकार काे सौंपेगी। इधर, एसआईटी के अध्यक्ष व गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने माेतीमहल स्थित आबकारी मुख्यालय में विभागीय अफसराें की बैठक में कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में अवैध और नकली शराब बनाने और बेचने का काम बड़े स्तर पर हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहे हैं? विभाग का उड़नदस्ता महीने में कितनी छापेमारी कर रहा है? यदि अधिकारी सही से मुरैना में अपनी जिम्मेदारी निभाते, तो संभवत: ये कांड होता ही नहीं। राजौरा ने कहा कि ये शराब ओपी (ओवर प्रूफ एल्कोहल) से बनाई जा रही है इसलिए पूरा विभाग ओपी सप्लाई वाली चेन तक पहुंचे। इसके लिए रायरू सहित भिंड में हाल में शुरू हुई डिस्टलरी की भी जांच की जाएगी। एसआईटी की रिपोर्ट मिलने के अगले दिन 18 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी कलेक्टर, कमिश्नर, आईजी और एसपी से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर अवैध शराब पर रोक के लिए बात करेंगे। 20 लोगों के बयान हुए: जांच दल ने दो दिन में शराब कांड को लेकर 20 लोगों के बयान लिए। शुक्रवार को भी जेएएच में भर्ती शराब कांड के मरीजों से मुलाकात की। डॉक्टरों से पूछा कि मरीजाें के शरीर में जहरीली शराब से जुड़े किन पदार्थों की मात्रा कितनी पाई गई।
बैठक के बाद पत्रकाराें से चर्चा में राजौरा और आबकारी आयुक्त राजीवचंद्र दुबे ने कहा कि शराब नीति में बदलाव कर अगले ठेके छोटे-छोटे समूहों में दिए जाने की व्यवस्था के लिए शासन के सामने प्रस्ताव रखा जाएगा। इससे शराब के दामों में कमी आएगी और ठेकेदार अपने क्षेत्रों में मॉनिटरिंग भी कर पाएंगे। मुरैना, उज्जैन और खरगोन में हुए ऐसे कांड का एक बड़ा कारण महंगी शराब भी माना जा रहा है। अवैध शराब बनाने वालों के खिलाफ ज्यादा सख्त कार्रवाई के प्रावधान की आवश्यकता है और इसके लिए धारा 34 व धारा 49 ए में बदलाव हो सकता है।
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