किसानों के आंदोलन को जबरन देशद्रोही साबित करने में लगी है भाजपा: रोहित

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किसानों के आंदोलन को जबरन देशद्रोही साबित करने में लगी है भाजपा: रोहित



किसानों के आंदोलन को जबरन देशद्रोही साबित करने में लगी है भाजपा: रोहित


 सीधी  ।
इन दिनों हिंदुस्तान के किसान अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं भारत की राजधानी में मांग को लेकर डेरा डाले हुए हैं सरकार उनकी मांग को मानने से आनाकानी कर रही है, हर तरह से विफल होने पर किसानों को देशद्रोही साबित करने में लगी है।
उक्त बातें जिला कांग्रेस कमेटी उपभोक्ता संरक्षण के जिलाध्यक्ष एड. रोहित मिश्रा ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कही।
श्री मिश्र ने कहा कि इस समय भाजपा के लोग शोसल मीडिया में लिखना शुरू कर दिए कि किसान देशविरोधी नारे लगा रहे हैं, जरा सोचिए इस देश में जो भी जायज मांग सरकार से करेगा उसे पाकिस्तानी साबित करने की नाकाम कोशिश करेंगे यह कैसा भारत बना रही भाजपा जबकि किसानों की प्रमुख मांगें पहली मांग- न्यूनतम समर्थन मूल्य को वैधानिक दर्जा देते हुए देश के किसानों की सभी फसलों का (फल, सब्जियां व दूध) वैधानिक उचित और लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य डॉ स्वामीनाथन द्वारा सुझाए गए ब2 फार्मूले के अनुसार, कृषि विश्वविद्यालय की वास्तविक लागत के आधार पर तय किया जाए व उस पर कम से कम 50% लाभ जोड़कर समर्थन मूल्य घोषित किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि मंडी में गुणवत्ता मापदंड के उत्पादन का भाव किसी भी कीमत पर समर्थन मूल्य से कम न हो। ऐसा न होने पर दंड का प्रावधान किया जाए। सभी फसलों की शत-प्रतिशत सरकारी खरीद की गारंटी दी जाए दूसरी मांग -देश के किसानों के सभी तरह के कर्ज माफ किए जाएं। देश के किसानों पर लगभग 80 प्रतिशत कर्ज राष्ट्रीयकृत बैंकों का है देश के किसानों के सभी तरह के कर्ज (राष्ट्रीयकृत बैंक/सहकारी बैंक/साहूकार) एक ही समय में बिना किसी समय सीमा के भारत सरकर के माध्यम से माफ किए जाएं। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अन्तर्गत आने वाले बजट सत्र में चार वर्ष तक केवल ब्याज जमा करने व पांचवे वर्ष में नवीनीकरण के समय मूलधन ब्याज सहित जमा कराने का प्रावधान किया जाए। 
जिला कांग्रेस कमेटी उपभोक्ता संरक्षण के जिलाध्यक्ष एड. रोहित मिश्रा ने आगे कहा कि इन मांगों में कहीं देशद्रोह नहीं झलकता फिर भी अन्नदाताओं की नहीं सुनी जा रही, सरकार हिटलशाही में उतर चुकी है जिसका खामियाजा निकट भविष्य में भुगतना होगा।

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