राजधानी में भी फैला गांजा तस्करों का नेटवर्क
भोपाल ।
राजधानी पुलिस पिछले कुछ समय से लगातार मादक पदार्थ तस्करों पर अपना शिकंजा कस रही है। क्राइम ब्रांच और पुलिस ने मिलकर नक्सल इलाकों से ट्रेन और सड़क मार्ग से भोपाल आने वाला गांजा भी बरामद किया जा चुका है। छह माह में करीब 15 सौ किग्रा गांजा पकड़ा जा चुका है। ओडिशा और आंध्र प्रदेश के नक्सल प्रभावित इलाके से गांजा भोपाल भेजा जा रहा था। जहां से पूरे प्रदेश में तस्करी होती है। मादक पदार्थ तस्करी में अभी कुछ दिन पहले ओडिशा के चार लोगों को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस का दावा है कि उन्होंने नक्सल इलाके से आने वाले मादक पदार्थ की तस्करी की चेन तोड़ दी है। हालांकि पिछले छह माह में जिस तरीके से भोपाल में ड्रग्स की आ रहा है, उससे यह शहर नशे की मंडी बनता जा रहा है। जानकारी के अनुसार मप्र के मादक पदार्थ तस्कर आंध्रप्रदेश और ओडिशा के सीमावर्ती इलाकों से गांजे की खरीदी करते है, जो नक्सली क्षेत्र माना जाता है। तस्कर पुरानी कार की पिछली सीट में फेरबदल कर उसमें एक गुप्त चेंबर बनवाया था। इमें छिपाकर गांजे की सप्लाई भोपाल और उसके आसपास विदिशा, सीहोर, राजगढ़ में की जाती थी। इसके बाद पैडलर्स (नशीली दवा बेचेने वाले) गांजे की छोटी- छोटी पुडियां युवाओं और कॉलेज के छात्रों तक पहुंचाई जाती थी। वह सड़क मार्ग के अलावा ट्रेन से यह नशे का सामान ला रहे हैं।
क्राइम ब्रांच ने कुछ दिन पहले ओडिशा के चार लोगों को गिरफ्तार किया था।वह भोपाल के रास्ते बीना, सागर, ग्वालियर, मुरैना तक जाते थे। जबकि इससे पहले सितंबर के माह में पिपलानी पुलिस ने एक सुमित अहिरवार नाम के तस्कर को गिरफ्तार किया था। उसने पुलिस पूछताछ में बताया था कि वह पान की गुमठियों और कुछ छात्रों को गांजे की पुड़िया बनाकर सप्लाई करता था। उसने भी ओडिशा और आंधप्रदेश की सीमा से गांजे की आवक की जानकारी दी थी। एएसपी क्राइम ब्रांच गोपाल धाकड़ का कहना है कि नक्सल क्षेत्र की आने वाले गांजे की चेन को पूरी तरह से तोड़ दिया गया है। क्राइम ब्रांच ने अक्टूबर में एक गांजा तस्कर गिरोह पकड़ा है। जिसमें आरोपित ट्रेन की बाथरूम में गांजे की ट्रेन की सीलिंग को पेंचकस से खोलकर उसमें पैकिट बनाकर छिपा देते थे। खुद दूसरे स्थान पर जाकर बैठ जाते थे। भोपाल आते ही वह ट्रेन के बाहर उसी स्थान पर फेंक देते थे। इन आरोपितों के भोपाल के तस्कर के नाम तक मालूम था। जिनके जारिए पूरे प्रदेश में सप्लाई की जाती थी।गांजे की भोपाल के साथ सभी जिलों में सप्लाई हो रही है। पुलिस को आशंका है कि नक्सली इलाके से खरीदकर आने वाले गांजे की रकम का इस्तेमाल नक्सली फंडिग के लिए हो रहा हो। तस्कारों से जुड़े पैडलर्स की गांजे की पुडियां भोपाल समेत अन्य जिलों में पहुंचा रहे हैं। भोपाल में युवाओं तक मादक पदार्थ एमडीएमए इंदौर और पुणे से सप्लाई होता है। इसका खुलासा पिछले दिनों क्राइम ब्रांच ने इंदौर के तस्कारों की गिरफ्तारी के बाद किया था। उसके अलावा पुणे का एक इंजीनियरिंग छात्र भोपाल में एमडीएमए ड्रग्स की खेल पहुंचाता था।
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