अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के अकादमिक भवन का लोकार्पण, उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा
अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय प्रदेश ही नहीं अपितु देश का एक मात्र ऐसा विश्वविद्यालय है, जहाँ ज्ञान-विज्ञान की समस्त विधाओं का अध्यापन और अनुसंधान मातृभाषा हिन्दी में ही होता है। यह विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश के लिए ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण देश के लिए गौरव है। इस विश्वविद्यालय को विकसित होते देखना हमारे लिए गौरव की बात है। उक्त विचार उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्राम मुगालिया कोट, भोपाल स्थित अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के नवनिर्मित अकादमिक भवन के लोकार्पण अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष श्री रामेश्वर शर्मा द्वारा की गई। इस अवसर पर सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर विशेष अतिथि के रूप में मंचासीन थीं।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हिन्दुस्तान का दिल मध्यप्रदेश पूरे देश में राष्ट्रभाषा हिन्दी की पहचान के लिए जाना जाता है। ऐसे में अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय का विकास होगा तो इससे समूचे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रदेश की पहचान बनेगी। हिन्दी के प्रति अटल जी का योगदान अतुलनीय है। सबसे पहले उन्होंने ही संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में अपनी बात रखी थी। इसलिये उनके नाम से इस विश्वविद्यालय की स्थापना होने पर हम सभी को गर्व होना चाहिए। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी राष्ट्रभाषा हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्पित हैं। हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी में कोमलता, सरलता, स्नेह और भावनात्मक गहराई समाहित है। भारत को विकसित करने के लिए राष्ट्रभाषा हिन्दी की नितांत आवश्यकता है।
मध्यप्रदेश विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष श्री रामेश्वर शर्मा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि चिकित्सा एवं इंजीनियरिंग सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों की पढ़ाई इस विश्वविद्यालय में हिन्दी में ही होना गर्व की बात है। हिन्दी भाषा को नई ऊँचाईयों तक पहुँचाने में इस विश्वविद्यालय का अहम योगदान होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर को विकसित करने के लिए कोई कमी नहीं रहने दी जायेगी। विश्वविद्यालय परिसर को सुंदर और हरा-भरा बनाया जायेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय को एक बस प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सूखी सेवनिया से विश्वविद्यालय तक की सड़क टू-लेन बनाकर विकसित की जायेगी। उन्होंने परिसर में अटल बिहारी वाजपेयी की विशाल प्रतिमा लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को एक बड़ा केन्द्र बनाने के लिए भरसक प्रयास किये जायेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में इस संस्थान का ऐतिहासिक योगदान होगा।
सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रभाषा हिन्दी को आगे बढ़ाने के लिए अटल बिहारी बाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय का अहम योगदान होगा। हिन्दी लोकप्रिय भाषा है, विदेशियों को भी हिन्दी बोलना पसंद है। यह सहज, सरल, रसीली एवं आत्मीय भाषा है। हिन्दी का ज्ञान रखना हमारा दायित्व है। राष्ट्रभाषा से ही देश की पहचान होनी चाहिए। अपनी भाषा, धर्म एवं संस्कृति पर गर्व होने से ही हम भारत को विश्वगुरू के स्थान पर विराजमान कर सकेंगे।
कार्यक्रम के शुभारंभ में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज ने संस्था का परिचय देते हुए कहा कि विज्ञान, कला, संस्कृति, साहित्य की जननी भारत ही है। अपनी राष्ट्रभाषा में ही कार्य करने से विश्व के कई देश विकसित श्रेणी में आ रहे हैं। ज्ञान-विज्ञान की समस्त विधाओं का अध्ययन हिन्दी में कराने के उद्देश्य से इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है। कार्यक्रम के अंत में कुल सचिव प्रो. रेखा रॉय ने आभार व्यक्त किया।
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