शादी का झांसा देकर किया था दुष्कर्म,आरोपी की अग्रिम जमानत खारिज

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शादी का झांसा देकर किया था दुष्कर्म,आरोपी की अग्रिम जमानत खारिज




शादी का झांसा देकर किया था दुष्कर्म,आरोपी की अग्रिम जमानत खारिज 


जबलपुर।
 जिला एवं सत्र अदालत ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा कि दुष्कर्म का आरोप बेहद गंभीर है, अत: अग्रिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता। इस तरह के आरोपित को गिरफ्तार हुए बिना जमानत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। समाज के लिए ऐसे आरोपित बेहद शर्मनाक हैं। इनके खुले छूटने से समाज की सहज-व्यवस्था पर कुठाराघात होता है। लिहाजा, अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की जाती है अभियोजन के मुताबिक आरोपित कुंडम निवासी रोहित पाल ने कुत्सित मानसिकता का परिचय देते हुए दुष्कर्म किया। उसने युवती से बाज़ार में दोस्ती की। इसके बाद शादी का झांसा देकर युवती के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद शादी से इनकार कर दिया। कुंडम पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धारा 376, 294 और 506 का प्रकरण दर्ज किया है। आरोपित की ओर से अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया गया। शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक अनिल तिवारी ने अग्रिम जमानत का विरोध किया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
बहस के दौरान अभियोजन की ओर से साफ किया गया कि आरोपित जमानत का लाभ मिलने पर पीड़ित को धमका सकता है। साक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में उसकी गिरफ्तारी आवश्यक है। गिरफ्तारी के बाद जमानत का आवेदन दायर होने पर उसका भी विरोध किया जाएगा। ऐसे आरोपित राहत न पाने पाएं अभियोजन इसके लिए कृत संकल्पित है। कोर्ट में पीड़ित का पक्ष पुरजोर तरीके से रखकर आरोपितों को सबक सिखाना कानून के राज्य की मूल मंशा भी है। कोर्ट ने साफ किया कि दुष्कर्म के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं। इन पर अंकुश के लिए सख्ती आवश्यक है। अग्रिम जमानत का आधार इस तरह के मामलों में बिल्कुल नहीं होता। जब तक आरोपित पुलिस की गिरफ्त में न आये उसकी अर्जी बेमानी होती है। काल कोठारी ही प्रयाश्चित की सही जगह है।

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