मधुबन गौशाला धनौर की बदहाल स्थिति, न तो भोजन और न ही ठंड से बचने की व्यवस्था, मर रहे गौवंश
सीधी।
जिला मुख्यालय सीधी से करीब 45 किलोमीटर दूर ग्राम धनौर ग्राम पंचायत अमहिया जनपद पंचायत मझौली में संचालित मधुबन गौशाला धनौर तुलसी स्व सहायता समूह समिति द्वारा संचालित की जाती है। जिसकी अध्यक्षा शांति बैगा पति छविलाल बैगा उम्र 45 वर्ष निवासी धनौर एवं सचिव लाला खान उम्र 50 वर्ष निवासी धनौर द्वारा संचालित की जाती है। जिसमे अव्यवस्था के कारण कुछ गौवंशों की मौत हो चुकी है और कुछ गोवंश अपने जर्जर स्थिति से गुजर रहे हैं।
जब मीडिया के द्वारा अध्यक्ष पति छविलाल बैगा से जानकरी ली गई तो उनके द्वारा बताया गया कि यह गौशाला प्रमुख रूप से लाला खान (समिति सचिव) द्वारा संचालित की जाती है हमें इसके संबंध में ना तो कोई जानकारी दी जाती और ना ही कुछ बताया जाता हमें जो भी चारा, भूसा ,पैरा प्रदान किया जाता है वही पशुओं को देता हूं। यहां गौशाला में व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं है न तो पर्याप्त भूसा मिल पाता और ना ही पैरा ओ भी भूसा मात्र गायों को सूखा दिया जाता है, जिसकी वजह से गाय भूसा नहीं खाती हैं जिसकी मौखिक सूचना एवं शिकायत हमने कई बार ग्राम पंचायत सचिव एवं समिति सचिव को दी है। जिसमें समिति सचिव द्वारा कहा जाता है कि हमें प्रशासन द्वारा जितना फंड प्रदान किया जाता है हम उतनी व्यवस्था प्रदान कर रहे हैं और आप उतना ही दीजिए।
एसडीएम को भी दी जा चुकी है जानकरी:-
अध्यक्ष पति ने बताया कि इसके पूर्व स्वयं मझौली एसडीएम द्वारा इसकी जांच की जा चुकी है। जिसमें उनके द्वारा पूरी लापरवाही को स्पष्ट तरीके से देखा गया था और हमारे द्वारा सत्यता से भी अब अवगत कराया गया था। किंतु आज तक ना ही कोई कार्यवाही की गई है और ना ही कोई सुविधा प्रदान की गई है।
तड़प रहे ठंड से गौवंश:-
इस ठंड के मौसम में गायों के रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है ठंड से गाये ठिठुरती रहती हैं। गायों को समुचित बदलने की भी व्यवस्था नहीं है। और जब मैंने इस संबंध में ग्राम पंचायत सचिव एवं समिति सचिव से कहा तो उनके द्वारा एक छोटी सी पतली पन्नी लाकर दे दिया गया और कहा गया कि इसी से व्यवस्था बनाओ। ठंडी की समुचित व्यवस्था ना होने के कारण गाय एवं बछड़े लगातार बीमार पड़ रहे हैं और उनकी जर्जर स्थिति होती जा रही है।
गौशाला में न चारागाह न बी बाउंड्री वाल -
गौशाला में ना तो गायों को चराने के लिए चारागाह हैं और ना ही बाउंड्री वाल बनाई गई है। बिना मैदान एवं बाउंड्री वॉल के गौशाला को मान्यता देकर संचालित कर दी गई है जिससे गायो को अनेक संकटों का सामना करना पड़ता है। यहां न ही गायों के विचरण का स्थान है और ना ही उनके समुचित खाने एवं पानी पीने की व्यवस्था । एक छोटे से एरिया में गायों को घेर कर रखा जाता है। जिससे कुछ गायों की मौत हो चुकी है और कुछ गाय एवं बछड़े कि स्थिति दयनीय बनी हुई हैं।
एसडीएम जांच के बाद भी नहीं हुआ सुधार:-
सुधार-एक महीने पूर्व मझौली एसडीएम ने मधुबन गौशाला धनौर का दौरा किया था जिसमें भारी लापरवाही एवं अव्यवस्था को देखा था इसके उपरांत भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। और आज भी गौशाला में गायों की दयनीय स्थिति बनी हुई है।
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