हाई कोर्ट ने दिया आदेश, अंशकालीन कर्मियों को कलेक्टर दर से हो वेतन भुगतान
जबलपुर।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि अंशकालीन कर्मियों डिंडौरी, समनापुर निवासी गिरिजा बाई व सुकवारा बाई को कलेक्टर दर से वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए तीन माह की मोहलत दी गई है।
न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अनिरुद्ध पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता अंशकालीन रसोइया बतौर पदस्थ हैं। शुरुआत में चार हजार मासिक दिया जा रहा था, अब पांच हजार मासिक दे रहे हैं। कायदे से कलेक्टर दर से वेतन मिलना चाहिए। मध्य प्रदेश शासन, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ने नियुक्ति के समय यह व्यवस्था दी थी। जिसका पालन नदारद है। इसीलिए हाई कोर्ट आना पड़ा. वहीं दूसरे मामले में हाई कोर्ट ने याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि याचिकाकर्ता को प्रथम व द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया जाए। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता वेटरनरी कॉलेज, रीवा में कार्यरत सहायक ग्रेड-थ्री संजय कुमार पटैल की ओर से अधिवक्ता अनिरुद्ध पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि नियमानुसार 10 वर्ष की सेवा पर प्रथम व 20 वर्ष की सेवा पर द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ देना चाहिए। लेकिन याचिकाकर्ता को 26 साल की सेवा के बाद भी प्रथम-द्वितीय समयमान वेतनमान के लाभ से वंचित रखा गया है। हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद नानाजी देशमुख वेटरनरी विश्वविद्यालय, जबलपुर को तीन माह के भीतर शिकायत दूर करने के निर्देश दे दिए।
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