लव जिहाद: हिन्दू बनकर दो साल तक बनाया अवैध संबंध, दुष्कर्म का मामला दर्ज कर शुरू हुई जांच

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

लव जिहाद: हिन्दू बनकर दो साल तक बनाया अवैध संबंध, दुष्कर्म का मामला दर्ज कर शुरू हुई जांच




लव जिहाद: हिन्दू बनकर दो साल तक बनाया अवैध संबंध, दुष्कर्म का मामला दर्ज कर शुरू हुई जांच


 उज्जैन.
 शुक्रवार को लव जिहाद का एक मामला सामने आया। एक युवक हिन्दू बनकर शादीशुदा महिला के साथ दो साल तक शारीरिक शोषण करता रहा। मामले का खुलासा होने पर पीड़िता महिला थाने पहुंची और पुलिस को आपबीती सुनाई। आरोपी युवक के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी. पीड़िता ने बताया कि उसकी शादी वर्ष 2004 में हुई थी। तीन साल तक पति से संबंध मधुर थे। इस बीच दो बच्चे भी हुए। उसके बाद पति से संबंध बिगड़ने लगे तो वह अलग हो गई। उसके बाद से उज्जैन के मुनिनगर में किराए के मकान में रहने लगी। उसने बताया कि वर्ष 2018 में मुनिनगर में उसके पड़ोस में रहने वाली एक युवती ने उसकी मुलाकात नागदा के विकास बागड़िया नाम के युवक से कराई। धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे।
विकास ने शादी का झांसा देकर कई बार उसका शारीरिक शोषण किया। दो दिन पहले विकास बाथरूम में था। उसके पर्स से उसका फोटोयुक्त ड्राइविंग लाइसेंस मिला। जिसमें विकास का नाम वसीम अकरम निवासी बड़नगर लिखा था। इस पर उसे संदेह हुआ तो उसने विकास से सच्चाई पूछी। पीड़िता ने बताया कि पहले तो वह आनाकानी करता रहा लेकिन बाद में उसने सच बता दिया। महिला थाना प्रभारी ज्योति ने बताया मामले की जांच की जा रही है। आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज किया है।
पीड़िता ने बताया कि वसीम ने उसे हमेशा धोखे में रखा। जब मैं शादी का दबाव बनाती तो वह टाल जाता। वसीम ने एक बार झूठी शादी का स्वांग रचा। वह मंगलसूत्र बनवा कर लाया था। मुझे दिलासा देने के लिए पहना दिया। वह कई बार मेरे साथ मंदिर में भी गया था। वह बाहर खड़ा रहता। जब मैं उसको अंदर चलने के लिए बोलती तो वह खुद को नास्तिक कहकर टाल देता।
प्रदेश सरकार इसी तरह के झूठ बोलकर महिला का शोषण करने के मामलों के चलते धर्म स्वातंत्र्य कानून 2020 लाने जा रही है। हालांकि यह मामला उस दायरे में शामिल होगा या नहीं, इस पर पेंच है। कारण कानून अभी लागू नहीं हुआ है। नियमानुसार कानून लागू होने के बाद दर्ज हुए मामलों को ही नए कानून के तहत सजा मिल सकती है। सरकार इस तरह के मामलों में 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान करने जा रही है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ