जम्मू- कश्मीर में मजबूत होगा लोकतंत्र :- सुधांशु द्विवेदी अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार एवं स्तंभकार
जम्मू- कश्मीर में डीडीसी चुनाव संपन्न होने के बाद राज्य में शांति बहाली की मजबूत संभावना है। क्यों कि स्थानीय स्तर के यह चुनाव राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वहां सक्रिय राजनीतिक दलों के जनाधार का लिटमस टेस्ट तो हैं ही साथ ही स्थानीय स्तर का यह चुनाव संपन्न होने और बाडी गठित होने के बाद इनमें प्रतिनिधित्व करने वाले स्थानीय जन प्रतिनिधि तमाम समस्याओं और मुद्दों से भलीभांति वाकिफ हैं। ऐसे में जन समस्याओं का प्रभावी समाधान होने से कश्मीरी आवाम का व्यवस्था केे प्रति विश्वास बढ़ेगा साथ ही राज्य में लोकतंत्र और अधिक मजबूत होगा। डीडीसी की यह निर्वाचन प्रक्रिया शुरू होने से ठीक पहले महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी, फारुख अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली पाटी नेशनल कान्फ्रेंस सहित राज्य के प्रमुख राजनीतिक दलों ने मिलकर गुपकार एलायंस बनाया था। इस गठबंधन ने डीडीसी चुनाव में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। वहीं कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने भी राज्य के इस स्थानीय चुनावों में अपनी भागीदारी निभाई। डीडीसी के चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद गुपकार एलायंस को इन चुनावों में बड़ी कामयाबी मिली है वहीं भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन भी बेहतरीन रहा है। राज्य विधानसभा चुनाव से ठीक पहले संपन्न हुए यह डीडीसी चुनाव कश्मीर, कश्मीरी और कश्मीरियत के कायाकल्प का सशक्त आधार बनें तथा राज्य के विकास एवं जनकल्याण का मार्ग प्रशस्त हो, ऐसा होना इसलिये आवश्यक है क्यों कि राज्य में अभी तक पाक पोषित आतंकवाद तो चरम पर रहा ही है साथ ही जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार भी बड़ा मुद्दा रहा है। सरकारी व प्रशासनिक स्तर पर जन समस्याओं का प्रभावी समाधान न होने तथा लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के तहत लोगों को इंसाफ न मिल पाने के कारण कई बार वह राष्ट्र- राज्य व समाज की मुख्य धारा से अलग- थलग पडक़र चरमपंथियों के संपर्क में आकर आतंकवाद की राह पकड़ लेते थे। लेकिन अब डीडीसी जैसी स्थानीय संस्थाओं के सशक्त और अधिकार संपन्न होनेे के बाद शासन व्यवस्था में स्थानीय जनमानस की भागीदारी बढ़ेगी, उससे राज्य में आतंकवाद की धार कुंद करने में काफी मदद मिलेगी। जम्मू कश्मीर में प्रभावशाली कई राजनीतिक दलों के नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। ऐसे मामलों की जांच प्रक्रिया संपन्न होने और इन पर सजा निर्धारित होने के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त राज्य के सफेदपोष नेताओं को जेल की हवा खानी पड़ेगी, जो व्यवस्था को भ्रष्टचारमुक्त बनाने के उद्देश्य के दृष्टिगत बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी। जम्मू- कश्मीर से धारा 370 हटाया जाना भारत देश की एकता और अखंडता के लिये महत्वपूर्ण तो है लेकिन यह संवैधानिक बदलाव सिर्फ रस्म अदायगी बनकर न रह जाए बल्कि राज्य के लोगों को इस एकीकरण का वास्तविक लाभ भी मिले, जिसके वह हकदार हैं। राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार तथा युवाओं के लिये कौशल विकास सहित उन तमाम स्वर्णिम संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिये भ्रष्टाचार मुक्त, स्वच्छ तथा जवाबदेह व्यवस्था को मजबूत बनाया जाना नितांत जरूरी है। साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए कि देश के अन्य राज्यों की तरह जम्मू- कश्मीर में भी शासन व्यवस्था में भ्रष्टाचार, संवेदनहीनता व गैर जवाबदेही हावी न हो जाए तथा राज्य में भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टारलेंस का उद्देश्य ही सर्वोपरि होना चाहिये। यदि ऐसा हो पाना सुनिश्चित हुआ तो राज्य में धारा 370 हटाकर राज्य के एकीकरण और लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था का वास्तविक लाभ और सुख कश्मीरी आवाम को मिलने का मार्ग अवश्य प्रशस्त होगा। उम्मीद की जा सकती है की डीडीसी के यह चुनाव जम्मू- कश्मीर की समृद्धि और खुशहाली तथा राज्य में भारतीय लोकतंत्र के कायाकल्प के मामले में मील का पत्थर साबित होंगे।
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