गजराजों के आगमन से दहशत में वनवासी,फिर सात हाथियों के दल ने एक घर को बनाया निशाना

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गजराजों के आगमन से दहशत में वनवासी,फिर सात हाथियों के दल ने एक घर को बनाया निशाना



गजराजों के आगमन से दहशत में वनवासी,फिर सात हाथियों के दल ने एक घर को बनाया निशाना



 सीधी।
संजय टाईगर रिजर्व एरिया के आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत कुशमी अन्तर्गत वन परिक्षेत्र पोंडी के जंगलों में एक बार फिर गजराजों के आगमन से वनांचल क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में रात गुजारने को विवश हो गए हैं। इतना ही नहीं संजय टाईगर रिजर्व के जंगलों से निकल कर गत शनिवार की शाम हाथियों के झुंड ने एक घर को निशाना बनाते हुए पूरी तरह से छतिग्रस्त कर दिया है।
 घटना के संबंध में ग्रामीणों द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की रात हाथियों का झुंड खैरी ग्राम के जंगलों में विचरण करते देखा गया था। किन्तु विचरण करते हुए गत शनिवार की शाम तकरीबन 7.30 बजे हाथियों का झुंड लुरघुटी तालाब के किनारे से गांव में प्रवेश करते हुए जंगल किनारे स्थित संगीता गुप्ता पति रामकृपाल गुप्ता निवासी लुरघुटी के घर के नजदीक पहुंचा, तो हाथियों के आने की आहट से अलाव के पास दो पड़ोसियों सहित बैठी पीड़िता हल्ला गुहार लगाते हुए गांव की तरफ़ भागी लेकिन खपरैल मकान को हाथियों के झुंड ने पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया और घर में रखा अनाज खा गए। इतना ही नहीं पीड़िता की फसल भी नष्ट कर दिए। 
हाथियों के झुंड आने की सूचना ग्रामीणों द्वारा संजय टाईगर रिजर्व के अधिकारियों को दी गई। तत्पश्चात परिक्षेत्र अधिकारी पोंडी कविता रावत ने विभागीय कर्मचारियों के साथ मौके में पहुंच कर ग्रामीणों के सहयोग से हाथियों के झुंड को जंगलों में खदेड़ा गया। लगातार तीन वर्षों से हाथियों के आने और ताण्डव मचाते हुए जान माल को नुकसान पहुंचाने के कारण वनांचल क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में रात गुजारने को विवश हैं।

सात हाथियों का है दल:-

हाथियों का यह दल सात सदस्यीय है। सात हाथियों का ये झुण्ड गत वर्ष मार्च माह में छत्तीसगढ़ की सीमा मबई नदी को पार कर मध्यप्रदेश के संजय टाईगर रिजर्व एरिया अन्तर्गत कुन्दौर के जंगलों में पहुंचा था। उस समय भी कुछ आवासीय मकानों को छतिग्रस्त करते हुए तकरीबन सात महीनों तक डोमारपाठ, राजापाठ, बूढनडोल, तिनगी, फुलवा, तथा आमगांव के जंगलों में स्वछंद विचरण करता रहा है। किन्तु बीते माह अक्टूबर के अंतिम दिनों में हाथियों का यह झुण्ड मध्यप्रदेश की सीमा पार कर छत्तीसगढ़ के जंगलों की ओर पलायन कर गया था। तकरीबन एक पखवाड़े पूर्व हाथियों का यह दल पुनः विचरण करते हुए सीमा पार कर संजय टाईगर रिजर्व एरिया अन्तर्गत कुन्दौर गांव के रास्ते पुनः पुराने अड्डे में पहुंच गया है। तब से डोमारपाठ के आस पास के जंगलों में विचरण करते हुए गत शनिवार की शाम लुरघुटी पहुंच कर एक घर को ध्वस्त कर दिया।


दूसरी बार बनाया निशाना:-

 बताया जा रहा है कि पीड़िता संगीता गुप्ता पति रामकृपाल गुप्ता निवासी लुरघुटी के घर को हाथियों के इस झुंड ने दूसरी बार निशाना बनाया है। ग्रामीणों की बात पर गौर करें तो इस झुण्ड ने पहली बार गत वर्ष भी पीड़िता के घर को निशाना बनाते हुए कुछ भाग को ध्वस्त कर दिया था। शेष बचे हुए घर को दूसरी बार ध्वस्त कर दिया है। घटना की सूचना पर कुशमी तहसीलदार संजय मेश्राम हल्का पटवारी अतुल तिवारी ने मौके पर पहुंचकर मौका मुआयना करते हुए स्थल पंचनामा तैयार कर क्षतिपूर्ति हेतु प्रकरण तैयार किया गया है।

दहशत बरकरार:-

हाल फिलहाल हाथियों के झुंड के आने से वनांचल क्षेत्र के बीच में रहने वाले वनवासियों के मन में हाथियों को लेकर दहशत का आलम है क्योंकि ये हाथी दिन के वक्त जंगलों में रहते हैं और यदि उन्हें जंगलों में पेड़ पौधे या जंगली फलों का पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं हो सका तो वो रात के वक्त भोजन की तलाश में लोगों के घरों पर धावा बोलते हैं और घरों को पूरी तरह ध्वस्त करके वहां रखी खाद्य सामग्री को चट कर जाते हैं।

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