निलंबित सचिव ने फर्जी हस्ताक्षर कर बहाली का आदेश सोशल मीडिया में किया था वायरल, सीईओ ने कोतवाली में दर्ज कराया आपराधिक प्रकरण
सीधी
जिला पंचायत में अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर कर आदेश जारी करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, जबकि इस तरह का कृत्य करने वाले एक कंप्यूटर आपरेटर को जेल भेजा जा चुका है फिर भी लोग फर्जी हस्ताक्षर के सहारे काम करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
इस बार एक पंचायत सचिव के द्वारा सीईओ के फर्जी हस्ताक्षर कर खुद के बहाली का आदेश जारी कर लिया। सीईओ की शिकायत पर कोतवाली पुलिस के द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला पंजीवद्ध कर जांच शुरू कर दी गई है।
वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जब उक्त फर्जी आदेश का मामला अपर कलेक्टर एवं प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हर्षल पंचोली के संज्ञान में मामला आया तो प्राथमिक स्तर पर जांच कराने के बाद उनके द्वारा उक्त फर्जीवाड़े को अंजाम देने वालों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने का पत्र नगर निरीक्षक सिटी कोतवाली को लिखा गया है। जिस पर कोतवाली पुलिस के द्वारा अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध भादवि की धारा 465, 468 के तहत मामला पंजीवद्ध कर लिया गया है।
*क्या था पूरा मामला*
जिला पंचायत के कार्यालयीन आदेश दिनांक 05/09/2020 के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सीधी से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर ग्राम पंचायत बंजारी के सचिव प्रेमदास साकेत को ग्राम पंचायत के कार्यों में रूचि नहीं लिए जाने, दूरभाष से संपर्क किए जाने पर फोन नहीं उठाने और ग्राम पंचायत में उपस्थित नहीं रहने से ग्राम पंचायत बंजारी की प्रगति अत्यंत न्यून होने से निलंबित किया गया था। बाद में 7 अक्टूबर 20 को कार्यालय जिला पंचायत सीधी उक्त आदेश का शुद्धि आदेश जारी किया गया, जिसमें प्रेमदास साकेत सचिव ग्राम पंचायत खाम्ह जनपद पंचायत सीधी को निलंबित किया गया और प्रेमदास साकेत संचिव ग्राम पंचायत बंजारी के स्थान पर ग्राम पंचायत खाम्ह, अतिरिक्त प्रभार ग्राम पंचायत बंजारी पढ़ा जाना लेख किया गया।
तत्पश्चात कार्यालयीन पत्र के माध्यम से दिनांक 11/11/20 के द्वारा प्रेमदास साकेत निलंबित सचिव के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने हेतु आरोप पत्र एवं आरोप विवरण जारी करते हुए 25 नवंबर 20 को आरोपो के संबंध में लिखित उत्तर समक्ष में उपस्थित होकर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था।
वाट्सअप ग्रुप में निलंबित सचिव ने डाला था बहाली आदेश का पत्र
कार्यालय जिला पंचायत द्वारा जिस दिनांक को निलंबित सचिव को समक्ष में उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने के लिए आरोप पत्र जारी किया गया। उसी दिनांक के पत्र का हवाला देते हुए निलंबित सचिव प्रेमदास साकेत द्वारा बहाली संबंधी आदेश का कार्यालय जिला पंचायत का पत्र जिसमें बहाल किया जाकर ग्राम पंचायत बंजारी पदस्थ किए जाने का लेख था, वाट्सअप ग्रुप में शेयर किया गया। उक्त आदेश की भनक जब जिला पंचायत के अधिकारियों सहित प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली को लगी तो उनके होश उड़ गए। क्योंकि अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली के उक्त पत्र में फर्जी हस्ताक्षर थे। आनन-फानन में अपर कलेक्टर द्वारा उक्त फर्जी पत्र की जांच कराई गई, साथ ही यह पता लगवाया गया कि पत्र कहां से और कैसे निलंबित सचिव प्रेमदास साकेत को प्राप्त हुआ।
इसके बाद प्रथम दृष्ट्या निलंबित सचिव प्रेमदास साकेत के अलावा दुर्गेश कुमार शर्मा, संजय सिंह एवं सचिन यादव को फर्जीवाड़े का दोषी मानते हुए एफआईआर दर्ज कराने के लिए कोतवाली नगर निरीक्षक को लेख किया गया किंतु पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण नगर निरीक्षक के द्वारा अज्ञात आरोपी के विरुद्ध मामला पंजीवद्ध किया गया है।
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