अभी भी समय है जब किसानों की बात मान लेना चाहिए,विपक्ष पर आरोप लगाकर भाजपा खुद को धोखा दे रही है
एम एस पी पर बोनस घोषित करें राज्य सरकार
-अजयसिंह
भोपाल 09 दिसम्बर, 2020। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने कहा कि अभी भी समय है कि केंद्र को अपना अड़ियल रवैया छोडकर किसानों की बात मान लेना चाहिए| उसे कृषि संबंधी तीनों क़ानूनों को वापस ले लेना चाहिए| विपक्षी पार्टियों पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाकर केंद्र की भाजपा सरकार वास्तव में खुद को धोखा दे रही है|
अजयसिंह ने कहा कि सरकार कह रही है कि नए क़ानूनों से किसानों का भला होगा, जबकि स्वयं किसान कह रहे हैं कि इनसे हमारा भला नहीं होगा| अभी मका और धान न्यूनतम समर्थन मूल्य से आधी कीमत पर व्यापारी खरीद रहे हैं| जाहिर है बड़े व्यापारियों, कारपोरेट और जमाखोरों का भला हो रहा है| तब फिर सरकार किसानों का जबरन भला क्यों करना चाहती है| अगर नए कृषि कानून किसानों के हित में ही हैं तो वह कहीं दिखाई क्यों नहीं दे रहा है| इस वास्तविकता के गवाह स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं| विगत रविवार को मन की बात के दौरान उन्होने महाराष्ट्र के धूलिया जिले के एक किसान जितेंद्र को नए क़ानूनों के फायदे गिनाते हुये व्यापारी के पास फंसे हुये उसके रुपए दिलवाए| किसान ने इसके लिए धन्यवाद तो दिया लेकिन सारी पोल खोल दी| उसने बताया कि उसे कैसे एम एस पी से 600 रुपए कम में अपनी मका की फसल बेचना पड़ी| यह वही कम पैसा है जिसमें उसे दो लाख रुपए का घाटा हुआ है|
सिंह ने कहा कि सरकार के रवैये से किसानों को उसकी नियत में खोट साफ दिखाई दे रही है| किसान सिर्फ इतनी ही तो मांग कर रहा है कि उसे मंडी समिति की व्यवस्था और एम एस पी की गारंटी चाहिए| इतनी सी बात का कोई सीधा जवाब देने को तैयार नहीं है| एम एस पी अनिवार्य करने की बात पर सरकार चुप हो जाती है| किसानों के समर्थन में बड़े बड़े खिलाड़ी अपने अवार्ड राष्ट्रपति को वापस करने का ऐलान कर चुके हैं| देश की सभी ट्रेड यूनियन किसानों का समर्थन कर रही हैं| नए क़ानूनों का विरोध तो विदेशों में भी शुरू हो गया है| ब्रिटेन, कनाडा और यू एस ए से भी किसान आंदोलन को समर्थन देने की बात समाचार पत्रों में आ रही है लेकिन केंद्र सरकार के कान में जूं भी नहीं रेंग रही|
अजयसिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह भी केंद्र को सच बताने में प्रधानमंत्री से डर रहे हैं| उनके बड़बोले कृषि मंत्री कमल पटेल कृषि अधिनियम पर सहमति की बात तो करते हैं और दूसरी ओर किसान होकर बेशर्मी से कहते हैं कि सरकार क्या एम एस पी पर सारा अनाज खरीद लेगी| यह भी कहते हैं कि एम एस पी से सहमत हूँ| कल भारत बंद के दौरान स्वयं कृषि मंत्री के गृह जिले हरदा में किसानों को पूरा समर्थन मिला, मंडी और बाजार सौ प्रतिशत बंद रहे| भाजपा से जुड़े किसान संगठन भी इसमें शामिल रहे| अजयसिंह ने कहा कि यदि शिवराज सरकार की मंशा में खोट नहीं है और वह वास्तव में किसानों के साथ है तो अब तक घोषित एम एस पी पर हर बार की तरह बोनस घोषित करे|
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