किसानों के नाम पर कार्यकर्ता सम्मेलन कर गुमराह करने का प्रयास कर रही है भाजपा: आनंद
सीधी।
भाजपा द्वारा किसान सम्मेलन के नाम किए जा रहे कार्यकर्ता सम्मेलन से देश के आवाम को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रेस को जारी एक नोट के माध्यम से भाकपा राज्य परिषद सदस्य कामरेड आनंद पांडेय ने कहा देश के किसान यूनियन ने कॄषि कानूनों में कभी भी संसोधन करने की मांग नहीं की वल्कि किसानों द्वारा लगातार सवामिनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की मांग की जाती रही है, किंतु मोदी सरकार द्वारा कारपोरेटस को लाभ पहुंचाने के लिए 44 श्रम कानूनों में 40 कानून समाप्त कर मजदूरों का शोषण करने के लिए उद्योग पतियों को खुली छूट दे दी, इसी तरह कृषि कानून में संशोधन कर तीन प्रमुख संसोधन देश के किसानों के ऊपर जवरन थोपा जा रहा है, देश के किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन में केंद्र सरकार के मंत्री किसानों के हित वाला कानून बताकर वैसे ही गुमराह करना चाह रहे हैं जैसे 2014 के चुनावी वादे 15-15 लाख रुपये और दो करोड़ नौजवानो को रोजगार देने का प्रलोभन देकर वोट लिए थे, किंतु देश का किसान अपना हित देखते आंदोलन का रास्ता अपनाया है, उक्त आंदोलन में सामिल किसानों को कभी खालिस्तानी, कभी माओवादी, कभी कुकुरमुत्ते जैसे शब्दों से अपमानित किया जा रहा है ,अव जव किसान अपनी मांगों पर अडिग है तव भाजपा अपने कार्यकर्ताओं का सम्मेलन कर ध्यान भटकाने का नाटक कर रही है।
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