नाइट कर्फ्यू से कंट्रोल नहीं हो रहा कोरोना
(सुधांशू द्विवेदी) भोपाल।
राजधानी भोपाल में शासन द्वारा 21 नवंबर से रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा है। सिर्फ छूट और जरूरी काम के लिए बाहर निकला जा सकता है, लेकिन केस घटना की जगह बढ़ गए हैं। जी हां जिस दिन भोपाल में नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया उसी दिन से हर दिन 300 से अधिक केस सामने आ रहे हैं, जबकि उसके पहले यह आंकड़ा 240 से कम था। इतना ही नहीं नाइट कर्फ्यू लगने के बाद संक्रमितों की मौत का आंकड़ा भी लगभग दोगुना हो गया है। कर्फ्यू के पहले हर दिन औसतन एक मौत हो रही थी, जबकि कर्फ्यू के बाद यह संख्या औसतन 2 हो गई। इस पर रिटायर्ड मेडिको लीगल डॉक्टर डीएस बड़कुल पहले ही कह चुके थे कि रात में कर्फ्यू लगाने से सिर्फ रात की पार्टियां रोकी जा सकती हैं, कोरोना नहीं। उन्होंने उसी दिन कहा था कि इसके पीछे कोई मेडिकल आधार नहीं है। यह सिर्फ एडमिनिस्ट्रेटिव फैसला है। संक्रमण रोकने के लिए सबसे ज्यादा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क अनिवार्य होना चाहिए।
ध्यान रहे कि जितना संभव हो, लोगों के संपर्क में आने से बचें। बाजार बंद करने के लिए ऐसे समय का चयन करना चाहिए, जब सबसे ज्यादा भीड़ इकट्ठी होती है। यह भीड़ शाम 6 बजे से रात 8 के बीच होती है, क्योंकि इस दौरान लोग अपना काम खत्म कर ऑफिस आदि से बाजार में सामान लेने जाते हैं। इसी दौरान सबसे ज्यादा खतरा होता है।
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