किसान आंदोलन : मुकरने वाली कंपनियाें पर जुर्माना लगेगा: तोमर

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

किसान आंदोलन : मुकरने वाली कंपनियाें पर जुर्माना लगेगा: तोमर



किसान आंदोलन : मुकरने वाली कंपनियाें पर जुर्माना लगेगा: तोमर 

नई दिल्ली। 
कृषि कानूनों का विरोध किसान संगठन कर रहे हैं। बड़ी संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले बैठे हैं। किसानों को मनाने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री ने मंगलवार को किसान संगठनों से बातचीत की. तोमर का कहना है कि राष्ट्रीय किसान आयोग ने सिफारिशें की थीं। नए कानूनों के पीछे सरकार का यही मंतव्य है कि अन्नदाताओं का शोषण बंद हो। स्वामीनाथन कमेटी की 201 अनुशंसाओं में से 200 को मोदी के नेतृत्व में लागू किया जा चुका है। पूरे देश के किसानों ने नए कानूनों का समर्थन किया है। अगर ऐसा नहीं होता तो फिर देशभर में आंदोलन खड़ा हो जाता। राजनीतिक दल किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। इन कानूनों में MSP की बात है ही नहीं, राजनीतिक स्वार्थ के चलते विपक्षी दल भ्रम फैला रहे हैं। प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि MSP था, है और आगे भी रहेगा। फिर कन्फ्यूजन क्यों है? कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की नई व्यवस्था स्पष्ट है, जिसमें किसानों का शोषण नहीं हो सकेगा। जो भी किसानों की फसल का पहले से सौदा करेगा, वह सब-कुछ लिखित करार में होगा। किसान अपनी मर्जी से ही यह करार करेगा, जिस भाव पर बेचने का अनुबंध होगा, उसे उपज के खरीदार को पूरी तरह से अंत तक निभाना पड़ेगा। कोई समस्या आने पर किसान इस अनुबंध का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है। अनुबंध तोड़ने पर किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा, वहीं यदि खरीदार व्यापारी सौदे से मुकरता है तो उसे भारी पेनल्टी लगेगी, जो किसान को मिलेगी। इसी तरह, करार में किसान की जमीन का सौदा किसी भी कीमत पर बिल्कुल नहीं होगा। जमीन किसान की ही रहेगी। सौदा सिर्फ फसल का होगा। वर्तमान में भी पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों में कांट्रेक्ट फार्मिंग एक्ट/नियम लागू हैं। पूरे देश में एक तरह के नियम होने से समानता के साथ ही किसानों को ज्यादा लाभ होना भी सुनिश्चित है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ