बेरोजगारों से करोड़ों रुपये लेकर हुआ रफूचक्कर, एक हजार से ज्यादा लोंगो ने कार्यालय का किया घेराव,पुलिस ने भांजी लाठियां
मामले में आपराधिक प्रकरण हुआ दर्ज
(सुधांशू द्विवेदी)जबलपुर।
नेत्रहीन बच्चों के लिए ब्रेल लिपि में उपन्यास लिखकर कागज में पिन टोचकर घर बैठे हर माह चार से पांच हजार रुपये कमाई का झांसा देकर जालसाजों ने शहर के हजारों युवक-युवतियों व घरेलू कामकाजी महिलाओं को करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया है। उखरी चौक के समीप एक किराए की बिल्डिंग में जबलपुर बुक पब्लिकेशन नाम से संचालित ठगी की इस दुकान की असलियत सोमवार रात सामने आई जब योजना से जुड़ने वाले बेरोजगारों को पता चला कि एनजीओ के अधिकारी करोड़ों रुपये लेकर शहर से भाग गए। एक हजार से ज्यादा युवक-युवतियों, महिलाओं ने जबलपुर बुक डिपो का कार्यालय घेर लिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने बलपूर्वक भीड़ को तितर बितर करने का प्रयास किया, लेकिन ठगी का शिकार बेरोजगार लाठी सहने को भी तैयार हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुलिस के लाठीचार्ज में कुछ बेरोजगारों को चोट आई जिन्हें अस्पताल भेजा गया।
जिस बिल्डिंग में चिटफंड कंपनी का बोर्ड लगा है वह कांग्रेस पार्षद की बताई जा रही है। अनुमान के मुताबिक जालसाजों ने जिले भर में करीब 10 हजार बेरोजगारों को चूना लगाया है। देर रात घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल रवाना किया गया। देर रात तक हंगामा चलता रहा।
चिटफंड कंपनी ने बेरोजगारों को सब्जबाग दिखाया था कि घर बैठे ब्रेल लिपि तैयार कर वे रोजाना सैकड़ों रुपये कमा सकते हैं। ब्रेल लिपि की आकृति बनाकर, उसमें पिन टोचकर प्रति पन्ना 40 रुपये देने का झांसा जालसाजों ने दिया था। 100 पन्ने लिखने के बाद 50 रुपये प्रति पन्ना भुगतान का आश्वासन दिया था। जालसाजों ने चंगुल में फंसे बेरोजगारों को नए सदस्य जोड़ने पर प्रति सदस्य 500 रुपये कमाई का झांसा दिया था। सोमवार को बेरोजगारों को भुगतान के लिए बुलाया गया था। कुछ को चार से पांच हजार का भुगतान मिला। परंतु भीड़ बढ़ने के बाद भुगतान बंद कर दिया गया जिसके बाद हंगामा शुरू हुआ।
बेरोजगारों ने 2500 रुपये में चिटफंड कंपनी की सदस्यता ली थी। योजना के तहत नए सदस्य बनाने पर 500 रुपये कमीशन का आश्वासन दिया गया था। योजना के पुराने ग्राहकों को कुछ कमाई का अवसर अवश्य मिला लेकिन नए ग्राहकों की रकम डूब गई। रकम लेने के बाद कंपनी बेरोजगारों को ब्रेल लिपि में उपन्यास लिखने का किट देती थी। प्रत्येक पन्ने पर नौ लाइनें लिखनी थीं। काम आसान था और कोई भी कर सकता था इसलिए बेरोजगारी दूर करने के लिए कर्ज लेकर भी लोगों ने ढाई हजार रुपये जमा किए थे।
हंगामा बरपने के बाद पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर कुमार शानू से मोबाइल पर बात की। उसने बताया कि वह सतना में है और जल्द ही जबलपुर पहुंचकर वस्तुस्थिति से अवगत कराएगा।
रविवार रात पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बैठक में जारी निर्देश के चंद घंटे बाद उखरी चौक में चिटफंड कंपनी चलाने वाले जालसाज भाग गए। जिससे आशंका जाहिर होती है कि चिटफंड कंपनी के संचालन की जानकारी जिम्मेदार लोगों को थी, एसपी की सख्ती के बाद कंपनी के कर्ता-धर्ता को चुपचाप शहर से भगा दिया गया।
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