आपदा को अवसर में बदलने का खेल प्रदेश के अस्पतालों में चल रहा है-अजय सिंह

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आपदा को अवसर में बदलने का खेल प्रदेश के अस्पतालों में चल रहा है-अजय सिंह



आपदा को अवसर में बदलने का खेल प्रदेश के अस्पतालों में चल रहा है-अजय सिंह
 
नकली प्लाज्मा से मरीजों की मौत सत्ता का शर्मनाक चेहरा 
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अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के लिए जनता शिवराजसिंह की ओर देख रही है 
-अजय सिंह    

                                                         
भोपाल । 
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने कहा कि आपदा को अवसर में बदलने की प्रधानमंत्री मोदी की सलाह को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे ज़ोर शोर से निभा रहे हैं| नकली प्लाज्मा से मरीजों की मौत हो रही है| प्रदेश में शुरू हुई गिद्ध संस्कृति के चलते यहाँ के अस्पतालों में दलालों का रैकेट सक्रिय है| आदिवासी जिलों में सैकड़ों बच्चों की मौत हो रही है| एक वरिष्ठ मंत्री जब अस्पताल का निरीक्षण करने जाते हैं तो वहाँ डाक्टर से लेकर चौकीदार तक गायब मिलते हैं| लेकिन इन सबसे बेफिक्र शिवराज सिंह चौहान नीरो की तरह चैन की बंसी बजा रहे हैं क्योंकि अब तो वे सत्ता हथिया चुके हैं| 
अजयसिंह ने कहा कि ग्वालियर में कोरोना मरीज के परिजनों से 20-20 हजार रुपए लेकर नकली प्लाज्मा उपलब्ध कराया जा रहा है और मरीज मर  रहे हैं| आश्चर्य है कि जयारोग्य अस्पताल से प्लाज्मा का सर्टिफिकेट भी दिया जाता है| अपोलो अस्पताल में जो प्लाज्मा चढ़ाया गया वह नकली निकला और मरीज की दर्दनाक मौत हो गई| अस्पताल प्रबंधन ने बिना जाँचे प्लाज्मा मरीज को चढ़ा दिया| निजी अस्पतालों में खून, प्लाज्मा और इलाज के नाम पर रैकेट सक्रिय हैं| जांच की घोषणा करके, समितियां बनाकर या फिर दोषी का ट्रांसफर करके इतिश्री कर ली जाती है| शिवराज सिंह की प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की ठोस व्यवस्था बनाने में कोई रुचि नहीं है, सिर्फ झूठ और बातों का जमा खर्च है| 
सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार को आदिवासियों की भलाई से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि वे उन्हें आदिवासी मानते ही नहीं, वनवासी कहते हैं| शहडोल के ठाकरे अस्पताल में लगातार हो रही बच्चों की मौत पूरे देश में चर्चा का विषय है| यहाँ पिछले आठ माह में 362 बच्चों की मौत हो चुकी है| इन मौतों ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये हैं| यहाँ इमरजेंसी वार्ड में केवल 20 नवजातों को भर्ती करने की जगह है जबकि अनूपपुर और उमरिया आदिवासी जिलों से भी बच्चों को शहडोल के अस्पताल में रिफर किया जाता है| लेकिन लोकल मंत्री बिसाहूलाल जीत का जश्न मना रहे हैं| लगता है उन्हें अपनी बिरादरी की कोई चिंता नहीं बची| उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त इलाज नहीं मिल रहा है| इनके लिए चलाई जा रही योजनाएँ शहडोल जिला अस्पताल में सिर्फ कागजों पर चल रही हैं| 
सिंह ने कहा कि अभी कुछ समय पहले मंत्री गोपाल भार्गव गढ़ाकोटा के अस्पताल का अचानक निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्हें डाक्टर से लेकर चौकीदार तक सब गायब मिले| वे दीवारों से बात करके वापस आ गए| अस्पताल के हाल - बेहाल की शिकायत उच्च स्तर पर करना पड़ी| जब सरकार का एक वरिष्ठ केबिनेट मंत्री सच बयां कर रहा है तो शिवराज सिंह को स्वास्थ्य विभाग में ठोस व्यवस्थाएं और सुधार करने में किस बात का संकोच है? यह बात मध्यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता उनसे पूछ रही है| सिर्फ मुंह चलाने से जनता का भला नहीं होगा, अच्छा काम जमीन पर दिखना भी चाहिए| ऐसा लगता है कि लोगों की जान का अब भगवान ही मालिक है|

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