चुनाव: नगरपालिका में अनारक्षित सीट होने के बाद चुनावी पतीली में आंच, सामान्य वर्ग से लेकर आरक्षित वर्ग के लोगों की बढ़ी धड़कने

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चुनाव: नगरपालिका में अनारक्षित सीट होने के बाद चुनावी पतीली में आंच, सामान्य वर्ग से लेकर आरक्षित वर्ग के लोगों की बढ़ी धड़कने



चुनाव: नगरपालिका में अनारक्षित सीट होने के बाद चुनावी पतीली में आंच, सामान्य वर्ग से लेकर आरक्षित वर्ग के लोगों की बढ़ी धड़कने


पिछड़ा वर्ग से जो वर्षों से कर रहे थे तैयारी; वो अब भी दावेदारी में पीछे नहीं

सीधी

नगर पालिका सीधी सीट जो चार वर्ष पहले हुए आरक्षण में जहां पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कर दी गई थी जिसको लेकर तकरीबन दो-तीन वर्षों से लगातार प्रमुख राजनीतिक दलों के कई दावेदार पिछड़ा वर्ग से चुनाव लडऩे की तैयारी में टिकट को लेकर अपने-अपने दलों में सक्रिय माहौल बनाने में जुटे थे परंतु बीते दिनों नए सिरे से की गई आरक्षण की प्रक्रिया के उपरांत अब सीधी नगर पालिका के अध्यक्ष पद की सीट अनारक्षित घोषित हो गई है जिससे उनके मनसूबों पर फिलहाल पानी फिरता नजर आ रहा है। लेकिन अभी भी ये सभी दावेदार यही मान रहे हैं कि भाजपा एवं कांग्रेस में पिछड़ा वर्ग के समर्पित नेताओं को टिकट मिल भी सकता है। अचानक आरक्षण की प्रक्रिया बदलने के बाद नगर पालिका सीधी में अनारक्षित सीट अध्यक्ष पद के लिए होने के बाद कई नेता सामान्य वर्ग से भी लडऩे के लिए दावेदारी पेश करना शुरू कर दिये हैं। 

अतीत पर नजर...

नगर पालिका परिषद सीधी की अध्यक्ष पद की सीट अतीत में तीन पंचवर्षीय अनारक्षित सीट रही है। जिसमें पहली बार अनारक्षित सीट होने से भाजपा के देवेन्द्र सिंह मुन्नू अध्यक्ष बने थे जबकि कांग्रेस से टिकट पाने वाले आनंद सिंह चौहान को विजय नहीं मिल पाई थी। वहीं दूसरी बार फिर अनारक्षित महिला सीट हुई जिसमें कि भाजपा से श्रीमती अंजू केशरी ने विजय हासिल की थी जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी रही श्रीमती कुमुदिनी सिंह को मात्र 93 मतों से पराजय का सामना करना पड़ा। तीसरी बार फिर अनारक्षित सीट अध्यक्ष पद के होने के कारण भाजपा ने दूसरी बार देवेन्द्र सिंह मुन्नू पर भरोसा कर टिकट दिया जिन्हे विजय भी हासिल हुई जबकि कांग्रेस से भोला गुप्ता को टिकट मिली परन्तु वे लगभग 400 मतों से पराजित हुए। 


गत वर्ष यदि चुनाव होते तो पिछड़ा वर्ग को मिलता लाभ:-

आगामी होने वाले नगरपालिका चुनावों के मद्देनजर नपा में चार साल पहले हुए आरक्षण को लेकर आरक्षित पिछड़ा वर्ग महिला सीट की वजह से भाजपा एवं कांग्रेस से कई नेता अपनी पत्नी को लड़ाने के लिए तैयारी में थे। यहां तक की पिछले वर्ष यदि चुनाव प्रक्रिया को स्थगित ना किया गया होता तो इस सीट में महिला पिछड़ा वर्ग से ही अध्यक्ष बनती। लेकिन कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने चुनाव टाल दिया था। जबकि चुनाव जनवरी 2020 में होने की उम्मीद थी। उसके साल भर पहले से ही पिछड़ा वर्ग से कई महिला नेत्रियां तैयारी में जुटी थीं। इसके बाद कांग्रेस की सरकार गिरते ही अब नई आरक्षण प्रक्रिया लागू की गई जिसमें कि फिर से नगर पालिका में अध्यक्ष पद के लिए अनारक्षित कर दिया गया। 

अभी भी है आश बाकी:-

बदली हुई परिस्थिति में भी भाजपा एवं कांग्रेस से जो दो वर्षो से पिछड़ा वर्ग की महिलाएं तैयारी में थीं वो ये मान रही हैं कि हमें ही पार्टी महत्व देगी। उनका यह भी कहना है कि टिकट तो हमें ही मिलना चाहिए क्योंकि हम दो वर्षों से तैयारी कर रहे हैं जबकि अब अनारक्षित सीट होने के बाद कांग्रेस एवं भाजपा से सामान्य वर्ग के कई नेता टिकट की मांग करना शुरू कर दिये हैं। उनका तर्क है कि जब अनारक्षित सीट है तो पिछड़ा वर्ग को सीट मिलने का सवाल ही नहीं उठता। ऐसी स्थिति में दोनों पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को टिकट वितरण में काफी माथापच्ची करने की स्थितियां निर्मित होंगी। 

इन्होंने नपा अध्यक्ष के लिए की थी तैयारी:-

नगर पालिका में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से पिछड़ा वर्ग महिला सीट होने की वजह से तैयारी करने वालों में खास तौर पर सक्रिय एवं सुर्खियों में रहने वाली नेत्रियों में सुनीता रानी वर्मा, पूनम सोनी सहित कई अन्य दावेदार थे। वहीं कांग्रेस से एड. विनोद वर्मा की बहू दीपिका वर्मा, पूर्व पार्षद बृजेंद्रमणि अवधिया बाके की धर्मपत्नी रोशनी अवधिया सहित अन्य दावेदार थे। लेकिन ये सभी दावेदार यह मान रहे हैं कि भले ही सीट अनारक्षित हुई है परन्तु लम्बी तैयारी के कारण उन्हे टिकट हासिल होना चाहिए। 

अनारक्षित वर्ग से सोशल मीडिया में दावा जारी:-

अचानक अनारक्षण की प्रक्रिया होने के बाद अब अनारक्षित सीट अध्यक्ष पद के लिए होते ही भाजपा एवं कांग्रेस से कई दावेदार सोशल मीडिया में भी दिखने लगे हैं। ऐसे में यह माना जा सकता है कि कही न कहीं वे भी समीकरण फिट करते होंगे। इसके अलावा दोनों पार्टी से दावेदारों की फौज खड़ी हो गई है। ऐसी स्थिति में पार्टियों को टिकट देने के लिए काफी मंथन करना पड़ेगा।

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