तीन महीने से बनने गया शव वाहन नहीं लौटा वापस,जिम्मेदारों की लापरवाही या अनदेखी
सीधी
जिला अस्पताल सीधी में उपचार के दौरान दम तोड़ने वाले मरीजों का शव घर तक ले जाने के लिए शासन ने जिला अस्पताल को शव वाहन तो मुहैया कराये हैं परंतु अस्पताल में मरीज की मौत के बाद जरूरतमंदों के लिए ये शव वाहन सिर्फ शो-पीस बनकर रह गए हैं। अपनों को खोने के बाद का दर्द झेल रहे परिवारों को शव वाहन के लिए नियमों की इबारत दिखाई जाती है। मजबूरन पीड़ित परिवार प्राइवेट वाहनों के सहारे शव को ले जाते हैं। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ परेशानी का भी सामना करना पड़ता है। क्योंकी जिला अस्पताल का शव वाहन लगभग तीन महीनों से खराब होने पर बनने के लिए गया था लेकिन आज तक वापस नहीं लौटा है, इसको जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी या जिम्मेदारों की लापरवाही कह सकते हैं।
ताजी घटनाओं का विवरण
पहला मामला : चार दिन पूर्व कमर्जी थाना क्षेत्र के लकोड़ा निवासी गौरव सिंह को उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया था। उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। मौत के बाद परिवारजन नि:शुल्क शव वाहन पाने के लिए डॉक्टरों के चक्कर लगाते रहे लेकिन मौके पर शव वाहन नहीं मिल पाया। थक हारकर मृतक के परिवारजनों ने प्राइवेट वाहन से शव लेकर घर गए। बाद में पता चला कि शव वाहन 3 महीना पहले बनने के लिए गया है लेकिन आज तक वापस नहीं आया है।
दूसरा मामला : सरई निवासी दुर्गा वती साहू ने भी उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया था, लेकिन उन्हें भी शव वाहन नहीं मिल सका। चिकित्सा कर्मियों की माने तो अस्पताल में मरीज की मौत के बाद शव वाहन पाने के लिए सिविल सर्जन के आदेश पर वाहन मुहैया कराया जाता है। लेकिन कई महीनों से अस्पताल में प्रशासन को मिला शव वाहन खराब पड़ा हुआ है जिससे जरूरतमंदों पर इस असुविधा की भारी मार पड़ रही है। इस तरह जिले के कई परिजनों का परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है इस समस्या से आखिर कब तक निजात मिलेगी यह सबसे बड़ा सवाल है।
इनका कहना है
सिविल सर्जन द्वारा बताया गया है कि शव वाहन खराब है जिसे बनाने के लिए मकैनिक के पास भेजा गया है मकैनिक द्वारा कहा गया था कि एक हप्ते में बन जाएगा लेकिन कुछ सामान न मिलने के कारण अभी तक नहीं बन पाया है, मैं दिखवाता हूं कि क्यों लेट हो रहा है।
डॉ. आर.एल. वर्मा
सीएमएचओ, सीधी
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